Badrinath Dham Story In Hindi: जानें बद्रीनाथ धाम को भगवान शिव से कैसे लिया श्रीहरि विष्णु ने हिंदुओं के चार प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक बद्रीनाथ का मंदिर है। जो भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित है। लेकिन माना जाता है पहले यहाँ भगवान शिव, देवी पार्वती के साथ रहते थे। लेकिन श्रीहरि ने बालक रूप धर कर यह स्थान उनसे ले लिया था।
बद्रीवन भगवान शिव और माता पार्वती का था निवास स्थान | Badrinath Dham
पुराणों के अनुसार एक बार भगवान शिव और माता पार्वती भ्रमण कर रहे थे। तभी माता पार्वती को अलकनंदा नदी के तट पर बेर के वृक्षों से आच्छादित एक वन अत्यंत पसंद आया। बेर वृक्षों की अधिकता के कारण ही इस वन को बद्री वन कहा जाता था।इसीलिए भगवान शिव माता पार्वती के साथ, कुटी बनाकर वहाँ निवास करने लगे।
भगवान विष्णु को पसंद आया यह स्थान | Badrinath Dham
एक बार भगवान श्रीहरि विष्णु विचरते हुए यहाँ पहुंचे, यहाँ की सुंदरता ने उनका मन मोह लिया। उन्होंने यहाँ रहकर तपस्या करने की सोची। लेकिन उन्हें पता चला यहाँ तो भगवान शिव माता पार्वती के साथ निवास करते हैं।यह स्थान शिव दम्पत्ति से कैसे लिया जाए, इसकी योजना भगवान श्रीहरि ने बनाई।
भगवान विष्णु ने यह स्थान लेने की बनाई योजना | Badrinath Dham
जिसके अनुसार वह एक छोटे से बालक का वेश धर कर रोने लगे। निर्जन वन में एक बालक के रुदन से माता पार्वती का मातृत्व जाग गया। उन्होंने उस बालक को कुटी के अंदर ले जाना चाहा। हालांकि भगवान शिव ने देवी पार्वती को मना भी किया, क्योंकि वह जान चुके थे यह तो भगवान श्री हरि हैं।
लेकिन माता पार्वती नहीं मानी और बालक को अंदर कुटी में ले गईं। इधर भगवान शिव तपस्या में लीन हो गए और माता नदी स्नान को चली गईं। तब भगवान श्रीहरि ने कुटिया का दरवाजा अंदर से बंद कर लिया।जब माता पार्वती और भगवान शिव आए और दरवाजा खोलना चाहा, लेकिन दरवाजा नहीं खुला।
बद्री वन के नाथ श्री हरि विष्णु | Badrinath Dham
तब भगवान शिव ने तब माता पार्वती के सामने इस घटना का रहस्योद्घाटन किया। और उन्हें भगवान विष्णु के बारे में बताया। उसके बाद भगवान शिव और देवी पार्वती बद्रीवन को छोड़कर केदार की तरफ चले गए।बद्रीवन में निवास करने के कारण ही भगवान विष्णु को बद्रीनाथ कहा जाता है।
कब से खुलेंगे बद्रीनाथ के कपाट | Badrinath Dham
बता दें दर्शनार्थियों के लिए बद्रीनाथ के कपाट 2 मई से खुलेंगे। जबकि केदारनाथ के कपाट 4 मई से खुलेंगे। हाल ही में खबर आई है बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम में ऑनलाइन दर्शन-पूजन के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गए हैं। इच्छुक व्यक्ति वेबसाइट में जाकर इसके फॉर्म को भी फिल कर सकते हैं।