नारायण सरकार हरि यानी भोले बाबा का बसपा सरकार में डंका बजता था. वह लाल बत्ती की गाड़ी में चलता था. आगे आगे पुलिस चलती थी. उस समय के जनप्रतिनिधि उसके सत्संग में शामिल होते थे. उसके सत्संग में पुलिस भी छुट्टी लेकर शामिल होती है. भोले बाबा के सत्संग में पूरी व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके स्वयंसेवकों पर होती है.
कभी UP पुलिस में कांस्टेबल था बाबा ..
सूरजपाल सिंह उर्फ़ सरकार हरि बाबा उर्फ़ भोले बाबा कासगंज जिले के पटियाली का रहने वाला है. सूरजपाल जाटव नामक पूर्व पुलिस कॉन्स्टेबल ने नौकरी छोड़कर यह रास्ता अपनाया और देखते-देखते लाखों भक्त बना लिए.बाबा के भक्तों की संख्या लगातार बढती गयी। आईये जानते हैं कौन हैं नारायण सरकार हरि यानी भोले बाबा?
नारायण साकार हरि एटा ज़िले से अलग हुए कासगंज ज़िले के पटियाली के बहादुरपुर गांव के निवासी हैं. उत्तर प्रदेश पुलिस की नौकरी के शुरुआती दिनों में वे स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) में तैनात रहे और क़रीब 28 साल पहले छेड़खानी के एक मामले में अभियुक्त होने के कारण निलंबन की सज़ा मिली. निलंबन के बाद वह कई वर्ष तक जेल में रहे और जेल से निकलने के बाद वह बाबा की शक्ल में लोगो के बीच आये।
बाबा की गहरी पैठ ;
बाबा की SC / ST और OBC वर्ग पर गहरी पैठ है. बाबा खुद जाटव हैं। बाबा के मुस्लिम अनुयायी भी हैं। आपको बता दें कि बाबा के यहाँ कई बड़े राजनेता चक्कर लगाते रहते हैं
सोशल मीडिया से दूरी ;
बाबा की सोशल मीडिया पर बहुत अधिक लोकप्रियता नहीं हैं. वह अपने सत्संग में मीडिया को आने की अनुमति नहीं देते हैं साथ ही उनके सत्संग में कोई वीडिओ नहीं बना सकता हैं. बावजूद इसके धरातल पर बाबा के भक्त हैं।
उनके फ़ेसबुक पेज आदि पर बहुत ज़्यादा लाइक्स नहीं हैं लेकिन ज़मीनी स्तर पर उनके भक्तों की संख्या लाखों में है. उनके हर सत्संग के दौरान हज़ारों भक्तों की भीड़ दिखाई देती है.
ऐसे आयोजनों में सैकड़ों स्वयं सेवक और स्वयं सेविकाएं सेवा की कमान संभालती हैं.
पानी, भोजन से लेकर ट्रैफिक की व्यवस्था सुचारू रूप से चले, इसकी कोशिश की भी भक्तों की समिति करती है.