Boeing 787 Dreamliner History : गुजरात के अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के विमान (Boeing 787 Dreamliner) के क्रैश होने के बाद एयर इंडिया के इस विमान की चर्चा जोरों पर हो रही है। अहमदाबाद में जो विमान क्रैश हुआ वह एयर इंडिया का विमान बोईंग 787 ड्रीमलाइनर विमान (B787 VT-ANB) था। हादसे के बाद इस विमान के इतिहास पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। इस विमान को बनाने वाली कंपनी का इतिहास दागदार रहा है। इतिहास के काले पन्नो में बोइंग के विमानों का डरावना सच शामिल है।
बोइंग 787 विमान का है हादसों से नाता | B787 Dreamliner Plane
एयर इंडिया के ये विमान बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जेट (Boeing 787 Dreamliner jet) था और ये पहली बार नहीं है जब बोईंग का कोई विमान घटनाग्रस्त हुआ हो। रिपोर्ट्स की माने तो अबतक बोईंग के अलग अलग करीब 6000 विमान दुर्घटनाग्रस्त हो चुके, जिसमें 9000 से ज्यादा जानें गयी। सिर्फ 787 ड्रीमलाइनर जेट का ही इतिहास खंगाले तो अबतक कई मामले सामने आये है। 2023 में लंदन जाने वाले 787 विमान में आग की चेतावनी के कारण विमान को वापस नई दिल्ली में लैंड कराया गया था।
Boeing के इंजीनियर ने ही लगाया आरोप
बोइंग ड्रीमलाइनर जेट को बनाने वाली कंपनी के ही इंजीनियर ने दावा किया था कि मुख्य हिस्से को जोड़ने में सही तरीका नहीं अपनाया गया है। इससे कुछ हजार उड़ानों के बाद यह विमान बीच से टूट सकता है। इंजीनियर ने आरोप लगाया था कि कंपनी Boeing 787 Dreamliner jet बनाने में शॉर्टकट अपनाती है। विमान के हिस्से अलग से बनाती है, और बाद में इन्हें जोड़ती है। इस कारण इसमें कई गैप आ जाते हैं, जो विमान की उम्र तो घटाते ही हैं, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी ये एक गंभीर खतरा हैं।
B787 Dreamliner का दागदार इतिहास
बोईंग के विमानों का इतिहास पहले से काफी दागदार रहा है। 2024 में दक्षिण कोरिया में बोइंग का विमान क्रैश हुआ था। जिसमें करीब लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी। 2018 के विमान हादसा में 189 लोग और 2019 के विमान हादसे में 157 लोगों की मौत हुई थी। 2013 में एक आग लगने की घटना, मार्च 2025 में बोइंग 787-9 के कॉकपिट सीट में खराबी आने से विमान गिर गया था और 50 लोग घायल हो गए थे। और अब अमहमदाबाद में 265 से ज्यादा जाने गयी।
जनवरी 2024 में, बांग्लादेश की बिमान एयरलाइंस का Boeing 787 Dreamliner jet जो सऊदी अरब जा रहा था, उसके कॉकपिट के विंडस्क्रीन में दरारें आ गईं। मई 2025 में हैदराबाद से फ्रैंकफर्ट जा रही लुफ्थांसा की एक फ्लाइट ने नोज़ व्हील में समस्या के कारण तेज़ गति से उड़ान भरने से मना कर दिया। तेज़ ब्रेक लगाने के कारण कई टायरों की हवा निकल गई।
बोइंग विमानों का काला इतिहास | History of B787 Dreamliner
- प्लेन क्रैश को लेकर बोइंग का इतिहास काफी दागदार रहा है।
- 2024 में दक्षिण कोरिया में बोइंग का विमान क्रैश हुआ था।
- इस हादसे में लगभग 180 लोगों की जान चली गई थी।
- 2018 के विमान हादसा में 189 लोग और 2019 के विमान हादसा में 157 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
- 2013 में भी एक बार बोइंग के विमान में आग लग गई थी।
- मार्च 2025 में बोइंग 787-9 के कॉकपिट सीट में खराबी आने से विमान गिर गया था और 50 लोग घायल हो गए थे।
- एक रिपोर्ट में पाया गया कि बोइंग विमान दुनिया भर में लगभग 6 हजार दुर्घटनाओं में शामिल रहे हैं।
- इसमें 415 दुर्घटनाएं बहुत घातक थी, जिसमें 9 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी।
- सबसे ज्यादा बिकने वाला यात्री विमान
- बोइंग कंपनी ने अपने 787 ड्रीमलाइनर विमान को सबसे ज्यादा बिकने वाला यात्री विमान बताया है।
- इस विमान में आरामदायक कॉकपिट के साथ-साथ बड़े-बड़े केबिन और खिड़कियां भी हैं।
- पुराने विमानों की तुलना में इसके केबिन का दबाव कम है और हवा में नमी भी ज्यादा है।
हादसों के बाद भी क्यों बिक रहा ये विमान?
अहमदाबाद में बोइंग कंपनी का जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ वो कम्पनी का सबसे ज्यादा बिकने वाला यात्री विमान था। इस विमान में आरामदायक कॉकपिट के साथ-साथ बड़े-बड़े केबिन और खिड़कियां भी हैं और पुराने विमानों की तुलना में इसके केबिन का दबाव कम है। बोइंग इंजीनियर की आशंका के बाद अप्रैल, 2024 में अमेरिका के संघीय उड्डयन प्रशासन ने इन दावों पर जांच शुरू की थी और अब तक कुछ निकल कर नहीं आया। इन सब के बाद अब बस एक ही सवाल सामने आता है कि अगर बोईंग कम्पनी के ये विमान इतने ख़राब है तो लोग उन्हें खरीद क्यों रहे है, और क्या इन्हे खरीद कर यात्रियों की जान के साथ खिलवाड़ तो नहीं किया जा रहा।
इंजीनियर ने कहा था- प्लेन में खतरा | Ahemdabad Plane Crash
बोइंग कंपनी में इंजीनियर रहें सैम सालेहपोर (Sam Salehpour) ने चेताया था कि B787 के कुछ हिस्सों में है समस्या है। बोइंग विमान के “Safty Issues” को लेकर बोइंग कंपनी में इंजीनियर रहें सैम सालेहपोर (Sam Salehpour) ने पिछले साल आरोप लगाया था, “बोइंग अपने 787 ड्रीमलाइनर जेट बनाने में शॉर्टकट अपनाती है। बोइंग प्लेन के हिस्से अलग से बनाती है, फिर इन्हें जोड़ती है। इस कारण प्लेन में कई गैप आ जाते हैं, जो कि उसकी लाइफ को कम देते हैं और कई बार खतरा पैदा करते हैं।” यहीं नहीं बोइंग के सीईओ डेव कैलहॉन विमान में कई सेफ्टी इश्यूस के चलते इस्तीफा दे चुके हैं।
Boeing कंपनी कर रही हादसों को अनदेखा
बोइंग तब से लेकर अबतक इन दावों को नकारती आयी है। और शायद आगे भी यही होगा। अमेरिकन कम्पनी पर होने वाली जाँच में शायद फिर कोई निष्कर्ष न निकले, क्यूंकि बड़ी बड़ी कंपनियों के लिए जान शायद एक खिलौना मात्र है, जब मन करता है खेल लेते है। अरबों के प्लेन पर कुछ पैसे बचाने के चक्कर में कंपनिया मासूमो के सातह खिलवाड़ करती है। और हुक्मरान उनके साथ मिल जांच ही आगे बढ़ने नहीं देते। ब्रिटिश डेलीगेट के साथ अमेरिका भी इस मामले की जाँच के लिए भारत आ रही है, पर अपने देश अमेरिका में विमानन कंपनी पर कार्रवाई मुकर्रर नहीं कर रही।
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