अजरबैजान और तर्की ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) में पाकिस्तान का समर्थन करने के बाद भारतीय पर्यटकों की संख्या में भारी कमी देखी जा रही है। 19 अक्टूबर 2025 को जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार, मई-अगस्त 2025 के दौरान अजरबैजान में भारतीय पर्यटकों की संख्या 44,000 रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में लगभग 1 लाख थी। तुर्की में भी यह संख्या 90,400 तक सिमट गई, जो 2024 में 1.36 लाख थी। यह गिरावट ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत द्वारा दोनों देशों के खिलाफ यात्रा सलाह (Travel Advisory) जारी करने और ऑनलाइन ट्रैवल प्लेटफॉर्म्स जैसे मेकमाईट्रिप (MakeMyTrip) और ईज़माईट्रिप (EaseMyTrip) द्वारा गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह के बाद हुई।
ऑपरेशन सिंदूर: अजरबैजान-तुर्की का रोल
ऑपरेशन सिंदूर, जो मई 2025 में हुआ, एक सैन्य अभियान था जिसमें भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की थी। इस दौरान अजरबैजान और तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया, जिसे भारत ने कड़ा जवाब दिया। अजरबैजान ने अपने ‘थ्री ब्रदर्स’ गठबंधन (Azerbaijan-Turkey-Pakistan Alliance) के तहत भारत के खिलाफ बयान जारी किए, जबकि तुर्की ने कूटनीतिक समर्थन दिया। इसके जवाब में भारत ने दोनों देशों को “अनुचित हस्तक्षेप” करार दिया और पर्यटकों को सतर्क किया।
पर्यटन में गिरावट: आंकड़े और प्रभाव
- अजरबैजान: मई-अगस्त 2024 में 1 लाख पर्यटक आए थे, जो 2025 में 44,000 रह गए – 56% की कमी।
- तुर्की: इसी अवधि में 1.36 लाख से घटकर 90,400 – 33.3% की कमी। मेकमाईट्रिप और ईज़माईट्रिप ने गैर-जरूरी यात्रा से बचने की सलाह दी, जिससे बुकिंग्स में भारी गिरावट आई। अजरबैजान टूरिज्म बोर्ड ने इसे “अस्थायी व्यवधान” बताया, लेकिन भारतीय ट्रैवल एजेंट्स का मानना है कि यह लंबे समय तक प्रभाव डाल सकता है।
भारत की रणनीति: कूटनीतिक जवाब
भारत ने अजरबैजान और तुर्की के खिलाफ आर्थिक और कूटनीतिक कदम उठाए हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने कहा, “हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सतर्क हैं और दोस्ती को सम्मान के आधार पर देखते हैं।” इस बीच, भारत ने आर्मेनिया को सैन्य सहायता बढ़ाई, जिससे अजरबैजान के साथ उसका तनाव बढ़ गया।
‘थ्री ब्रदर्स’ का असरअजरबैजान, तुर्की और पाकिस्तान का ‘थ्री ब्रदर्स’ गठबंधन 2020 में नागोर्नो-काराबाख युद्ध के बाद मजबूत हुआ। ऑपरेशन सिंदूर में इस गठबंधन ने भारत के खिलाफ एकजुटता दिखाई, लेकिन अब पर्यटन और व्यापार पर इसका उल्टा असर हुआ है। तुर्की के पर्यटन मंत्रालय ने भारतीय बाजार को वापस लाने की कोशिश शुरू की है।

