Ayushman Bharat Scheme has created immense possibilities in healthcare and pharma sector: उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्राथमिकताओं में हेल्थ सेक्टर महत्वपूर्ण स्थान रखता है। उन्होंने कहा कि अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति को शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की सहज उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है। मध्यप्रदेश में निवेश की संभावनाएँ तेज गति से बढ़ रही हैं। निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए अधोसंरचना विकास और सहयोगी इन्वेस्टर पॉलिसी से निवेश बढ़ रहा है। आयुष्मान भारत योजना से स्वास्थ्य सेवा और फार्मा क्षेत्र में असीम संभावनाएँ विकसित हुई हैं। आज हेल्थ सेवा क्षेत्र की जरूरतों की पूर्ति के लिये निजी क्षेत्र के पास असीम अवसर हैं। आज भारत में और मध्यप्रदेश में मांग की कोई कमी नहीं है। राज्य में कॉमन फैसिलिटी सेंटर बनाए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में ड्राई पोर्ट हैं और लॉजिस्टिक्स की दृष्टि से यह एक उपयुक्त राज्य है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष प्रस्तावों के लिए वन-टू-वन चर्चा कर आवश्यक प्रावधान भी करेंगे। उप मुख्यमंत्री शुक्ल ने हेल्थ केयर, फार्मास्युटिकल्स एवं मेडिकल डिवाइसेज सेशन में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा क्षेत्र में निवेश के लिये निवेशकों को आमंत्रित किया।
राज्य मंत्री लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने कहा कि सरकार की नीयत और नीतियाँ औद्योगिक विकास के लिए अनुकूल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश में अभूतपूर्व औद्योगिक वातावरण बना है, जिससे निवेशकों को आकर्षित किया जा रहा है। मध्यप्रदेश नीतियों, अधोसंरचना और केंद्रीय लोकेशन के कारण फार्मा क्षेत्र के लिए आदर्श बन रहा है। फार्मास्यूटिकल्स विभाग, भारत सरकार अमित अग्रवाल ने कहा कि मध्यप्रदेश अपनी ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस नीति, लॉजिस्टिक हब और केंद्रीय लोकेशन के कारण इस क्षेत्र के लिए एक आदर्श गंतव्य बनता जा रहा है। मध्यप्रदेश में उज्जैन मेडिकल डिवाइस पार्क के माध्यम से इस क्षेत्र को और गति मिल रही है, जिससे निवेश और उत्पादन को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर दवा निर्माण में अग्रणी है, जहाँ 50 बिलियन डॉलर का एक्सपोर्ट होता है, जो कुल वैश्विक जेनेरिक दवा बाजार का 20 प्रतिशत है। भारत 190 देशों को दवाओं का निर्यात करता है। मेडिकल डिवाइस सेक्टर का बाजार 15.35 बिलियन डॉलर का है, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले लाइनैक, कोबाल्ट, एमआरआई, सीटी स्कैन्स, वाल्व्स, ऑक्लूडर्स और इम्प्लांट्स जैसे एडवांस डिवाइसेज़ भारत में किफायती दरों पर बन रहे हैं। भारत 173 देशों को लगभग 4 बिलियन डॉलर मूल्य के मेडिकल डिवाइसेज़ का निर्यात कर रहा है। मेडिकल टूरिज्म के तहत बीते 5 वर्षों में 2.3 मिलियन मेडिकल वीज़ा जारी किए गए हैं।
प्रमुख सचिव संदीप यादव ने बताया कि मध्यप्रदेश में बड़ा कंज्यूमर मार्केट, केंद्रीय लोकेशन, लैंडपूल, पॉवर सरप्लस और अन्य आवश्यक अधोसंरचनाएँ एवं सुविधाएँ उपलब्ध हैं। ईज़ ऑफ़ डूइंग बिज़नेस में राज्य शीर्ष पर है और मात्र 30 से 45 दिनों में इंडस्ट्री को प्रारंभ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में उभर रहा है, जहाँ इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का वृहद नेटवर्क, एयरपोर्ट, वित्तीय सहयोग, सुदृढ़ कानून व्यवस्था और स्किल्ड मैनपावर उपलब्ध है। फार्मास्युटिकल्स और मेडिकल डिवाइसेज सेक्टर में भी राज्य तेजी से प्रगति कर रहा है, जहाँ 300 से अधिक फार्मा और ॠघ्क्ष् कंपनियाँ तथा 50 से अधिक मेडिकल डिवाइस कंपनियाँ कार्यरत हैं। उज्जैन में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना की जा रही है, जिससे स्वास्थ्य उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा। पीपीपी मोड पर 12 नवीन मेडिकल कॉलेज, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और डायग्नोस्टिक सेवाओं की स्थापना के लिए निजी सहभागिता को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस अवसर पर मध्यप्रदेश में फार्मा सेक्टर के अवसरों और नीति सहयोग पर आधारित एक विशेष फ़िल्म का प्रदर्शन किया गया।