Ayurvedic Tips For Summer In Hindi: गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है। इस समय बहुत तेज धूप होती है, सूरज की तेज किरणें हमारे त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक होती हैं। गर्मियों के मौसम में लू का प्रकोप भी बढ़ जाता है। आयुर्वेद के अनुसार गर्मी का मौसम आदानकाल का मन जाता है, जिसके कारण मनुष्य के शरीर में जल तत्व की कमी हो जाती है।
Ayurvedic Tips For Summer In Hindi | गर्मियों के मौसम से बचाव के लिए आयुर्वेद कई सुझाव देता है।
पानी पीना: गर्मी में पर्याप्त मात्रा में खूब पानी पीना आवश्यक है। आयुर्वेद में कहा गया है कि पानी पीने से शरीर को ठंडक मिलती है और विषाक्त पदार्थ बाहर निकलते हैं।
शीतल पेय: आयुर्वेदिक शीतल पेय जैसे कि लस्सी, छाछ, पुदीने का शर्बत, आम का पना, कच्चे आम की कैरी और नींबू पानी पीने से शरीर को ठंडक मिलती है।
ठंडक देने वाले खाद्य पदार्थ: आयुर्वेद के अनुसार गर्मी के मौसम में, शरीर को ठंडक देने वाले फल और खाद्य पदार्थ जैसे कि तरबूज, खरबूज और खीरा इत्यादि का सेवन करना चाहिए।
आयुर्वेदिक तेल मालिश: आयुर्वेदिक तेल मालिश जैसे कि नारियल तेल या चंदन तेल से मालिश करने से शरीर को ठंडक मिलती है। सरसों के तेल से पैरों के तलवे में मालिश करने से लू और गर्मी का प्रभाव नहीं रहता।
ध्यान और योग: आयुर्वेद में ध्यान और योग का महत्व तो हमेशा ही बताया गया है। गर्मी के मौसम में ध्यान और योग करने से शरीर और मन को शांति और चैतन्यता मिलती है।
नियमित व्यायाम: आयुर्वेद में नियमित व्यायाम का महत्व बताया गया है। गर्मी के मौसम में हल्के व्यायाम जैसे कि योग या तैराकी करने से शरीर को फायदा होता है। शरीर में ऊर्जा और स्फूर्ति बनी रहती है।
आयुर्वेदिक जड़ी बूटियाँ: आयुर्वेद में गर्मी के मौसम में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों जैसे कि नीम तुलसी और पुदीना का उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
हल्के कपड़े: आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों के मौसम में हल्के रंग और ढीले वस्त्र पहनने चाहिए। माना जाता है सफेद या हल्के रंग के वस्त्र गर्मियों में ऊष्मा और सूर्य की विकरण को परावर्तित करते हैं। जिससे हमारे शरीर को हमेशा ठंडक प्राप्त होती है। माना जाता है गर्मियों में काले वा गाढ़े रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए।
शीतल स्नान: शरीर को स्वास्थ्य और तरोताजा रखने के लिए आयुर्वेद में शीतल स्नान को अत्यंत महत्व दिया गया है। आयुर्वेद के हिसाब से गर्मियों के मौसम में आपको अधिकतम दो बार शीतल जल से स्नान करना चाहिए।
सुपाच्य भोजन: आयुर्वेद के अनुसार गर्मियों में हल्का और सुपाच्य भोजन ही करना चाहिए। बहुत तीखा, मसालेदार और गरिष्ट भोजन से बचना चाहिए।