Avadh Ojha:दिल्ली में बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन UPSC कैंडिडेट्स की दर्दनाक मौत हो गई थी। घटना दिल्ली के ओल्ड राजिंदर नगर में हुई। इस घटना के बाद जगह जगह UPSC कैंडिडेट्स के विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे है. सिस्टम की लाचारी पर भी सवाल उठ रहे है. लेकिन इन सब के बीच अवध ओझा की चर्चा चारो तरफ है. लोग आरोप लगा रहे है कि मोटीवेट करने वाले अवध ओझा इस पूरे मामले में खामोश क्यों है.
हालांकि बाद में अवध ओझा ने एक वीडिओ सन्देश जारी कर इस हादसे पर दुःख जताया। अवध ओझा का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब उन पर गंभीर आरोप लग रहे थे। उन्होंने अपने संदेश में सख्त कानून बनाने की मांग कर डाली। यह बेहद महत्वपूर्ण है की अवध ओझा IAS , IPS के कैंडिडेट्स को कोचिंग देते है. साथ ही वह अपने अनोखे बयानों के लिए खूब जाने जाते है. अवध ओझा का जीवन बेहद जटिलताओं से भरा रहा है. आइये जानते है अवध ओझा के बारे में कुछ दिलचस्प कहानी।
क्या पढ़ाते है अवध ओझा
अवध ओझा इतिहास के जाने -माने अध्यापक है. स्टूडेंट्स मानते है कि उनका इतिहास पढ़ाने का तरीका बिल्कुल अलग है. वह जिस भी विषय को समझा देते है ,वह हमेशा याद रहता है. सभी स्टूडेंट्स उनके अनोंखे ढंग से पढ़ाने की खूब प्रशंशा करते है.
यूपी के गोंडा के निवासी है अवध ओझा
बहुत कम लोग जानते है कि यूपीएससी की तैयारी कराने वाले अवध ओझा का पूरा नाम अवध प्रताप ओझा है. उनका जन्म 3 जुलाई 1984 को उत्तर प्रदेश के गोंडा में हुआ था. उनके पिता का नाम श्रीमाता प्रसाद ओझा है। आपको बता दे कि अवध ओझा के पिता गोंडा में पोस्ट मास्टर की नौकरी करते थे. अवध के पिता ने जमीन बेचकर अपनी पत्नी को वकालत कराई। इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके पिता पढ़ाई को लेकर कितना सजग थे.
पिता ने जमीन बेच कर भेजा दिल्ली
अवध का बचपन से ही आईएएस बनने का सपना था। पिता ने इस सपने को पूरा करने के लिए अपनी खेती बेच दी और अवध को पढाई के लिए दिल्ली भेज दिया। अवध ने वहां जमकर मेहनत की. उन्होंने प्रिलिम्स तो निकल लिया लेकिन वह यूपीएससी मेंस नहीं क्लियर कर पाए.
जब माँ हुई थी नाराज
अवध ओझा एक साक्षात्कार में बताते है कि जब वह इलाहाबाद में यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे और जब यूपीएससी का लास्ट अटेप्ट भी क्लियर नहीं हो पाया, तो घर चले गए. मां ने कहा कि तुम्हारा गेम तो ओवर हो गया. अब तो जिंदगी भर मेरे सहारे जिंदा रहोगे. जिस पर ओझा सर ने भी गुस्से से कह दिया था कि आप भगवान नहीं है इसके बाद मां ने बोला कि अगर नहीं हूं तो निकल जाओ घर से. ओझा सर ने एक इंटरव्यू में इसका खुलासा करते हुए बताया कि वह कई सालों तक घर नहीं गए. 22 साल लग गए तब वह जाकर इस मुकाम तक पहुंचे हैं. हालात ऐसे हो गए थे कि सौ रुपये मांगने पर एक दोस्त ने मना कर दिया था.