Attack on the ancient Mata Temple in Mangawan Rewa: मध्य प्रदेश के रीवा जिले के मनगवां थाना क्षेत्र में स्थित सैकड़ों वर्ष पुराने मुढुलियान बूढ़ी माता मंदिर पर अज्ञात असामाजिक तत्वों का काला साया मंडराया, जब उन्होंने धार्मिक आस्था को चोट पहुँचाते हुए माता, नंदी, हनुमान, गणेश समेत कई पवित्र मूर्तियों को क्रूरता से खंडित कर परिसर में बिखेर दिया। रविवार सुबह पूजा-अर्चना के लिए पहुँचे ग्रामीणों को यह भयावह दृश्य देखकर सदमा लग गया, जिसके बाद गांव में आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी और सैकड़ों लोग मंदिर परिसर में उमड़ पड़े। कुलदेवी के रूप में पूजित इस प्राचीन मंदिर पर हमले ने न केवल स्थानीय हिंदू समुदाय को झकझोर दिया, बल्कि पूरे जिले में तनाव का माहौल पैदा कर दिया। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने इसे हिंदू आस्था पर सुनियोजित साजिश करार देते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है, जबकि पुलिस ने फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। जिले में बीते एक वर्ष में मूर्ति तोड़ने की यह पांचवीं घटना है, जो सामाजिक सद्भाव को खतरे में डालने वाली श्रृंखला का हिस्सा लग रही है।
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मूर्तियाँ परिसर में इधर-उधर बिखरी मिलीं
जानकारी के अनुसार, रविवार सुबह करीब 7 बजे कुछ ग्रामीण परंपरागत रूप से बूढ़ी माता मंदिर पहुँचे, जहाँ दैनिक पूजा-अर्चना का सिलसिला चलता रहता है। लेकिन मंदिर के गर्भगृह में पहुँचते ही उन्हें माता की प्रतिमा के टुकड़े, नंदी का क्षत-विक्षत रूप, हनुमान और गणेश की मूर्तियाँ परिसर में इधर-उधर बिखरी मिलीं। ग्रामीणों ने बताया, “यह मंदिर हमारी कुलदेवी का प्रतीक है, जहाँ पीढ़ियों से विवाह, संस्कार और संकटमोचन के लिए पूजा होती है। अचानक यह दृश्य देखकर रोंगटे खड़े हो गए।” घटना की खबर जंगल की आग की तरह फैल गई, और मिनटों में सैकड़ों ग्रामीण, महिलाएँ और युवा मंदिर परिसर में जमा हो गए। नारों और रोने-धोने के बीच लोग इसे धार्मिक उन्माद भड़काने की साजिश बता रहे थे। स्थानीय निवासी रामू पटेल ने कहा, “यह केवल तोड़फोड़ नहीं, हमारी सांस्कृतिक जड़ों पर प्रहार है। अगर जल्द कार्रवाई न हुई तो शांति भंग हो सकती है।”
विहिप की चेतावनी, आरोपियों की गिरफ्तारी हो वरना करेंगे आंदोलन
घटना की सूचना मिलते ही विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौके पर पहुँचे, जिन्होंने मंदिर परिसर में एकत्र लोगों को संबोधित किया। विहिप के जिला प्रभारी बालकृष्ण द्विवेदी ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा, “यह बेहद निंदनीय और घृणित कृत्य है। हिंदुओं की आस्था से जुड़ी देवी-देवताओं की मूर्तियों को तोड़ना न केवल तोड़फोड़ है, बल्कि समाज को उकसाने और सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की सोची-समझी साजिश है। हम पुलिस से मांग करते हैं कि अज्ञात आरोपियों की तत्काल पहचान कर गिरफ्तारी करें, वरना हम शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे। हिंदू समाज चुप नहीं बैठेगा।” विहिप ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन सौंपने की योजना भी बनाई है, जिसमें मंदिरों की सुरक्षा बढ़ाने और दोषियों को कठोर सजा की मांग की गई है।
जिले में पांचवीं घटना: साजिश की श्रृंखला या संयोग?
चौंकाने वाली बात यह है कि रीवा जिले में बीते एक वर्ष में मूर्ति तोड़ने की यह पांचवीं घटना है, जो लगातार हो रही ऐसी वारदातों से लोगों में असुरक्षा की भावना पैदा कर रही है। इससे पहले दो बार हनुमान मंदिरों और दो बार देवी मंदिरों में समान घटनाएँ दर्ज हो चुकी हैं, जिनमें अज्ञात तत्वों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाकर मूर्तियाँ क्षतिग्रस्त की थीं। स्थानीय विशेषज्ञ इसे एक सुनियोजित पैटर्न बता रहे हैं, जो धार्मिक सौहार्द को कमजोर करने का प्रयास हो सकता है। जिला कलेक्टर ने स्थिति पर नजर रखने का आश्वासन दिया है, लेकिन विहिप और ग्रामीण संगठनों का कहना है कि सतर्कता के अभाव में ऐसी घटनाएँ बढ़ रही हैं। एक ग्रामीण ने बताया, “पिछली घटनाओं में भी आरोपी फरार रहे, अब तक कोई सजा नहीं हुई। यह सिलसिला कब रुकेगा?”