Site icon SHABD SANCHI

पाकिस्तान में हिन्दुओं पर जुल्म! गुरूद्वारे के बाद अब मंदिरों पर कहर

pak mandir

pak mandir

हाल ही में करतारपुर गुरुद्वारा साहिब का वीडियो सामने आया था, जिसमें पाकिस्तान के कुछ पुलिस अधिकारी परिसर में शराब और मांस की पार्टी करते हुए दिखाई दे रहे थे. जिसे लेकर सिख समुदाय के लोगों में भारी रोष देखा गया.

पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों को अक्सर निशाना बनाया जाता है. यह गंभीर मानवाधिकार उल्लंघनों में से एक है. पकिस्तान के अधिकारियों ने न तो इस पर कोई कार्रवाई की और न ही किसी को पकड़ा। हाल ही में सिंध प्रांत के मीठी शहर में एक और हिन्दू मंदिर को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया है. यहां स्थित हिंगलाज माता मंदिर को अदालत के आदेश का हवाला देकर तोड़ा गया. इतना ही नहीं UNESCO संरक्षित स्थलों को भी नहीं छोड़ा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक एक और हिन्दू स्थल शारदा पीठ मंदिर को भी तोड़ा गया था. यह कार्रवाई मंदिर की सुरक्षा के उद्देश्य से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद हुई. माना जा रहा है कि मंदिर के पास एक कॉफी हाउस का निर्माण किया जा सकता है.

सरकारी सूत्रों का कहना हैं कि पाकिस्तान में हिन्दुओं के खिलाफ इस तरह के अत्याचार की कोई अलग घटनाएं नहीं हैं. समुदाय को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें अल्पसंख्यकों को लक्षित करना, हत्याएं और उनकी भूमि पर अतिक्रमण करना शामिल हैं. ऐसे मामलों में अक्सर सरकारी समर्थन प्राप्त होता है. यहां तक कि यूनेस्को स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त शारदा पीठ भी विनाश से नहीं बच सकी.

पाकिस्तान में ज्यादातर हिन्दू आबादी सिंध प्रान्त में रहती है. वे वहां अपनी संस्कृति, परंपरा और भाषा मुस्लिम निवासियों के साथ साझा करते हैं. हमेशा कट्टरपंथियों द्वारा परेशान किए जाने की वे शिकायत करते रहते हैं. मंदिरो पर होने वाले हमलों की खबरें भी सबसे ज्यादा सिंध प्रान्त से ही आती हैं. पकिस्तान के अन्य क्षेत्रों में भी कई बार मंदिरों को तोड़ा गया. पकिस्तान में सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हिन्दू ही है. लगभग 75 लाख हिन्दू वहां रहते हैं.

करतारपुर गुरूद्वारे में की गई थी शराब पार्टी

बता दें कि कुछ दिनों पहले करतारपुर गुरुद्वारा साहिब से जुड़ा एक वीडियो सामने आया था. जिसमें पाकिस्तान पुलिस के अधिकारियों और उनके साथ अन्य लोगों को शराब और मास की पार्टी करते हुए देखा गया था. उनकी इस हरकत पर सिख समाज ने विरोध जताया। ऐसा माना जाता है कि करतारपुर गुरुद्वारा सिखों का पवित्र स्थल है जिसे गुरुनानक देव जी ने बनवाया था. भारत-पाक बंटवारे के बाद यह पाकिस्तान के हिस्से में चला गया.

Exit mobile version