Atmamanthan In Hindi | न्याज़िया बेगम: आज जाने हम किस बनावटी दुनिया में जी रहे हैं। जहां खुद को संवारने की होड़ मची है खुद को प्रेज़ेंटेबल बनाने में महिला या पुरुष कोई पीछे नहीं है। जाने हम सच्चाई से क्यों भाग रहे हैं, क्या यंग रहकर ही हम खूबसूरत दिख सकते हैं। क्या उम्र के साथ झलकती हल्की सी झुर्रियां, बालों में चमकती चांदी हमारी खूबसूरती में दाग़, लगा देती जिसे छुपाने के लिए हमें जाने क्या क्या जतन करने पड़ते हैं।
हम कैसे दिखें ये हमारी चॉइस है
क्यों हम दुनिया को इतनी इंपॉर्टेंस देते हैं कि वो जैसा हमें देखना चाहती है, हम वैसा दिखने की ही कोशिश करते हैं। हम जो हैं, जैसे हैं, वो हमारी अपनी पसंद न पसंद पर निर्भर होना चाहिए। लेकिन हम दूसरों के घिसे पिटे ढर्रों पे चलते हुए, दुनिया की भीड़ में ऐसे शामिल हो जाते हैं, कि हमारी पहचान ही गुम जाती है। हम ये भी भूल जाते हैं कि हमें किन बातों में खुशी महसूस होती है, हम कैसे रहना चाहते हैं।
आपके पास है अनोखा ब्यूटी प्रोडक्ट
शायद आज ये समझना बहुत ज़रूरी है, कि ये जीवन बहुत अनमोल है, इसका हर पल बहुत क़ीमती है और किसी भी हाल में हम इसे क्षण भंगुर कामों में बर्बाद नहीं कर सकते। हम सुंदर मन के साथ सुंदरता की, अनुभूति किसी भी उम्र में कर सकते हैं। स्वच्छ, स्वस्थ तन-मन के साथ हम जीवन के अंतिम पलों तक खुशी को महसूस कर सकते हैं। ऊर्जावान बने रह सकते हैं, कुछ ऐसी रचनाएं कर सकते हैं, जो हमें जीते जी तो खुशी दे ही, हमारे इस दुनिया से जाने के बाद भी किसी को खुशी देती रहें, किसी की ज़रूरत पूरी कर सकें।
आत्मविश्वास से करें श्रृंगार
तो आप जैसे हैं, वैसे में ही खुद को अच्छा मानें। अपने मन को सुंदर बनाने की कोशिश करें, क्योंकि मन की सुंदरता जब चेहरे पे आती है, तब आप हद से ज़्यादा खूबसूरत दिखते हो। ये ऐसा ब्यूटी प्रोडक्ट है, जो बाज़ार में नहीं मिलता, इसे आप खुद ही बना सकते हैं, अपने मन की शक्ति से, विश्वास से और फिर दुनिया का सामना करिए आप का कोई मुक़ाबला नहीं कर पाएगा। क्योंकि उस विधाता ने हम सबको ऐसी ऐसी खूबियों के साथ बनाया है कि हर कोई एक दूसरे से मुख्तलिफ होते हुए बेमिसाल है। तो ग़ौर ज़रूर करिएगा इस बात पर फिर मिलेंगे आत्म मंथन की अगली कड़ी में धन्यवाद।