Delhi CM Oath : आतिशी ने दिल्ली की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ,शपथ के बाद केजरीवाल के पैर छूकर लिया आशीर्वाद।

Delhi CM Oath : सीएम आतिशी ने आज राज निवास में दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। शपथ लेने के बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पैर छुए। आतिशी आज नीली साड़ी पहनकर शपथ लेने पहुंची थीं। पैर छूने के बाद अरविंद केजरीवाल ने उन्हें आशीर्वाद भी दिया। पैर छूते हुए आतिशी और अरविंद केजरीवाल की वो तस्वीर भी वायरल हो रही है।

पांच मंत्रियों के साथ शपथ ली। Delhi CM Oath

राज निवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में सक्सेना ने आतिशी को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। नए मंत्रिपरिषद के सदस्यों के रूप में शपथ लेने वालों में गोपाल राय, कैलाश गहलोत, सौरभ भारद्वाज, इमरान हुसैन और मुकेश अहलावत शामिल हैं। सुल्तानपुर माजरा से पहली बार विधायक बनीं अहलावत दिल्ली कैबिनेट में नया चेहरा हैं। एलजी ने पूरी कैबिनेट को बधाई दी है।

आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री बनीं। Delhi CM Oath

कांग्रेस की शीला दीक्षित और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सुषमा स्वराज के बाद आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री हैं। आतिशी स्वतंत्र भारत में मुख्यमंत्री पद संभालने वाली 17वीं महिला हैं Delhi CM Oath । राज निवास में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में आतिशी के पूर्ववर्ती और आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पार्टी के अन्य नेता और विधायक शामिल हुए।

आतिशी के पास प्रमुख विभाग हैं।

लेकिन, उन्होंने सभी विभाग अपने पास रखे हैं। प्रमुख विभाग अपने पास रखकर उन्होंने संदेश दिया है कि उनकी प्राथमिकता दिल्ली को विकास के पथ पर आगे ले जाने की होगी और मुफ्त बिजली-पानी की सुविधा जारी रखने में किसी तरह की बाधा नहीं आने दी जाएगी।

सौरभ भारद्वाज को दो और विभाग मिले।

मंत्री सौरभ भारद्वाज के विभागों में दो की बढ़ोतरी हुई है। उन्हें सहकारिता और समाज कल्याण विभाग की जिम्मेदारी भी दी गई है। केजरीवाल सरकार में दोनों विभाग राजकुमार आनंद के पास थे। उम्मीद थी कि मुकेश अहलावत को दोनों विभाग मिलेंगे। अन्य मंत्रियों के विभाग पहले जैसे ही हैं।

आतिशी से पहले पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पास सात विभाग थे। उनके पास गृह, वित्त, कला संस्कृति, पर्यटन, योजना, पर्यावरण, सामान्य प्रशासन विभाग थे। पूर्व मुख्यमंत्रियों मदन लाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज के पास भी ज्यादा विभाग नहीं थे।

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