Delhi New CM Atishi : आतिशी मार्लेना ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय का कार्यभार संभाल लिया। दिल्ली की कमान संभालते ही आतिशी ने बड़ा ऐलान किया। उन्होंने फैसला किया है कि वह अरविंद केजरीवाल के लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली रखेंगी। उन्होंने सीएम की टेबल पर अपने लिए अलग से कुर्सी रखवाई है। वहीं, बीजेपी इसे मुख्यमंत्री पद का अपमान बता रही है। दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने इसको संविधान का अपमान बताया। आतिशी का कहना है कि पुनः मुख्यमंत्री बनकर इस कुर्सी पर अरविंद केजरीवाल ही बैठेंगे।
आतिशी ने सीएम की कुर्सी खाली क्यों छोड़ी। Delhi New CM Atishi
आतिशी ने कहा कि आज मेरे दिल में भी वही दर्द है जो भरत जी को भगवान राम के वनवास जाने पर हुआ था। उन्होंने भगवान राम की पादुकाएं रखकर सरकार चलाई। भगवान राम हम सभी के आदर्श हैं और अरविंद केजरीवाल ने उनके दिखाए रास्ते पर चलकर दिल्ली की जनता की सेवा की और मर्यादा का पालन करते हुए सीएम पद से इस्तीफा दिया।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा यह कृत संविधान के खिलाफ है। (Delhi New CM Atishi)
दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि ऐसा करना संविधान, नियम और मुख्यमंत्री पद का अपमान है। मुख्यमंत्री की टेबल पर इस तरह दो कुर्सियां रखना। आतिशी जी, यह किसी आदर्श का पालन नहीं है, सीधे शब्दों में कहें तो यह चाटुकारिता है। अपने इस कृत्य से आतिशी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की गरिमा के साथ-साथ दिल्ली की जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंचाई है। अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि क्या आप ऐसे रिमोट कंट्रोल से दिल्ली सरकार चलाएंगे?
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने इस फैसले को हास्यास्पद बताया।
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार का ध्यान दिल्ली की जनता की समस्याओं को हल करने के बजाय संविधान का अपमान करने पर है। मुख्यमंत्री ने केजरीवाल की खाली कुर्सी को अपने बगल में रख लिया है। यह हास्यास्पद है। उन्होंने केजरीवाल के इशारे पर ऐसा किया है, क्योंकि वह मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसीलिए वह मुख्यमंत्री से यह असंवैधानिक काम करवा रहे हैं।
संविधान का उल्लंघन करने वाली सरकार से कोई उम्मीद नहीं है। Delhi New CM Atishi
उन्होंने कहा कि संविधान का उल्लंघन करने वाली सरकार से दिल्लीवासियों को कोई उम्मीद नहीं है। दिल्ली में बारिश होते ही जलभराव की समस्या शुरू हो जाती है। लोगों को शुद्ध पेयजल नहीं मिल रहा है। यमुना की सफाई पर कोई ध्यान नहीं है। सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बदहाल है। इन समस्याओं को सुलझाने की बजाय सरकार ड्रामा कर रही है।