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Atal Bihari Vajpayee : कौन थी अटल बिहारी वाजपेयी की गर्लफ्रेंड राजकुमारी? शादी करना चाहती थी 

Archival photographs of former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee with close associates

Atal Bihari Vajpayee : अटल बिहारी वाजपेयी और राजकुमारी कौल के बीच के अनकहे रिश्ते और उन जुड़ावों को उजागर करती है, जो दशकों तक समाज की नजर से छुपे रहे। वाजपेयी जी को राजनीतिक दुनिया में उनकी सादगी, मर्यादा और कविताओं के लिए जाना जाता है, लेकिन उनकी निजी जिंदगी में एक ऐसा बंधन था, जिसे उन्होंने कभी नाम नहीं दिया, पर कभी नकारा भी नहीं। 

अटल बिहारी वाजपेयी का खास रिश्ता था 

राजनीति के आदर्श अटल बिहारी वाजपेयी ने कभी शादी नहीं की, लेकिन उनके पास एक खास रिश्ता था। यह रिश्ता था खास मित्रता का, जो दिल्ली-ग्वालियर जैसी दूरियों से परे था। 1940 के दशक में ग्वालियर के विक्टोरिया कॉलेज में राजकुमारी हक्सर (बाद में कौल) और अटल जी की पहली मुलाकात हुई। शुरुआत में दोनों मित्र थे, लेकिन धीरे-धीरे उनके बीच खास रिश्ता बन गया। उस समय समाज में यह सामान्य बात नहीं थी, इसलिए दोनों ने अपने इस भावनात्मक बंधन को हमेशा छुपाया। 

अटल से शादी करना चाहती थी राजकुमारी 

अटल बिहारी वाजपेयी ने एक बार राजकुमारी की किताब में प्रेम-भरा पत्र छुपा दिया था, लेकिन वह कभी उनके पास नहीं पहुंचा। समय के साथ उनका रिश्ता और गहरा हुआ। राजकुमारी चाहती थीं कि वे अटल से शादी करें, पर उनके परिवार ने मना कर दिया। इसलिए दोनों का विवाह नहीं हुआ।

राजकुमारी की शादी अटल से नहीं हो पाई 

अटल बिहारी वाजपेयी की मित्र राजकुमारी की शादी ब्रिज नारायण कौल से हो गया, लेकिन उनका संबंध कभी खत्म नहीं हुआ। वे अक्सर उनके घर आते-जाते रहते थे और उनके परिवार का हिस्सा बन गए। राजकुमारी की दोनों बेटियों नमिता और निहारिका के साथ भी उनका बहुत स्नेह था।

अटल ने राजकुमारी की बेटी को लिया था गोद

1978 में जब वाजपेयी जी विदेश मंत्री थे, तब राजकुमारी कौल, उनके पति और दोनों बेटियों ने उनके सरकारी आवास पर रहना शुरू कर दिया। इसी दौरान वाजपेयी जी ने नमिता कौल को गोद लिया और बाद में निहारिका को भी अपनाया। यह निर्णय उनके पारिवारिक और भावनात्मक संबंधों का प्रतीक था। वाजपेयी जी ने इन बच्चों को पिता का प्यार और सुरक्षा दी, जैसे कोई पिता देता है।

राजनीति में दोनों के रिश्ते पर खूब बहस हुई 

भारतीय राजनीति में यह रिश्ता एक अनूठा उदाहरण माना जाता है। वाजपेयी जी ने कभी इसे सार्वजनिक रूप से नहीं उभारा, और न ही अपने राजनीतिक जीवन में इससे दूरी बनाई। राजकुमारी और अटल जी का रिश्ता अक्सर राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय रहा। कुछ लोग इसे केवल दोस्ती मानते हैं, तो कुछ इसे और करीब संबंध बताते हैं। राजकुमारी ने कभी इस पर खुलकर बात नहीं की, बस इतना कहा कि उन्हें अपने रिश्ते की सफाई देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि उनके रिश्ते में सम्मान और आत्मीयता थी। 

राजकुमारी की बेटी ने किया था अटल का अंतिम संस्कार 

2014 में राजकुमारी का निधन दिल का दौरा पड़ने से हो गया, और उनके साथ उस अनमोल दोस्ती का एक युग समाप्त हो गया। वाजपेयी जी का निधन 2018 में हुआ। उनके अंतिम समय में उनकी गोद ली हुई बेटी नमिता ने उनके अंतिम संस्कार में विशेष भूमिका निभाई, जो इस गहरे संबंध का प्रतीक है। 

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