रीवा। आज देश भर में पूर्व प्रधानमंत्री एवं कवि अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जा रही है। अटल जी का रीवा से गहरा लगाव रहा है और उनकी यादें यहां से जुड़ी हुई है। खासकर रीवा में संगठन विस्तार के लिए उन्होंने बहुत काम किया। इसके लिए वे रीवा का काफी दौरा भी किए थें। वे रीवा में रहकर अपने संगठन को मजबूत बनाने के लिए काम किए थें।
रीवा में हुई थी सभाएं
पार्टी के लोगो के अनुसार पहली बार 1965 में जनसंघ का बड़ा कार्यक्रम रीवा में किया गया था। अटल जी ने सभाएं की थी। इसके अलावा लगातार चुनाव प्रचार के दौरान आते रहे. उन दिनों रीवा में अटल जी के दर्जन भर से ज्यादा कार्यक्रम हुए थे. इसके बाद 1993, 98, 2003, 2004 में भी कई सभाएं हुई थी. इन सभाओं में जनता का जबरदस्त समर्थन दिखा था. रीवा के कई ऐसे नेता भी है जिनके अटल जी से व्यक्तिगत गहरे संबंध थे।
यहां सड़क पर गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़क है
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के द्वारा रीवा में दिया गया भाषण चर्चा में बन गया था। तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए उन्होने कहा था कि यहां सड़क पर गड्ढे नहीं, बल्कि गड्ढों में सड़क है। उनके द्वारा कहा गया यह वाक्य देश भर में मुद्रदा बन गया था, तो प्रदेश के हर एक बीजेपी नेता का डायलाग बन गया था।
रीवा में अटल जी की आखिरी सभा से कांग्रेस को उठाना पड़ा नुकसान
अटल जी से जुड़ा हुआ एक और किस्सा बहुत मशहूर है, बताते है साल 2004 में अटल जी की रीवा के एसएएफ मैदान में सभा आयोजित की गई थी। तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मार्ग अवरूद्ध करने का प्रयास किया। जब अटल जी को इस बात की जानकारी हुई तो उन्होने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि रीवा में कुछ नेता लोकतंत्र का गला घोटना चाहते है, जिसका जवाब जिले की जनता देगी. नतीजा ये हुआ की रीवा में कांग्रेस को नुकसान तो हुआ ही इसके साथ ही प्रदेश में भी भाजपा का कमल खिल गया और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा।
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