भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा बजट सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने बजट को लेकर धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने कहा कि सदन की कार्यवाही लोकतांत्रिक तरीके से चली। पहली बार 4 लाख करोड़ से अधिक का बजट पेश किया गया। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी आभार जताया और कहा कि मतभेद होना चाहिए लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए। वहीं उमंग सिंघार ने सीएम डॉ मोहन को जन्मदिन की बधाई दी है।
लोकतांत्रिक तरीके से चला सदन- सीएम डॉ मोहन
एमपी विधानसभा बजट सत्र का आज आखिरी दिन रहा। सदन में अंतिम दिन हंगामे के बीच कई विधेयक पास किए गए। वहीं विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दी गई है। उन्होंने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही लोकतांत्रिक तरीके से चली। सीएम ने कहा कि बजट सत्र के समापन पर अधिकांश मंत्री और विधायक मौजूद रहे यह एक अच्छी परंपरा है। हम विरासत को विकास की ओर ले जाने का प्रयास कर रहे है। 4 लाख करोड़ से अधिक का बजट पहली बार देखने को मिला। आने वाले 5 सालों में इस बजट को दोगुना किया जाएगा। पीएम नरेंद्र मोदी के संकल्प 2047 के विजन को पूरा करने वाला बजट है।
10 से 24 मार्च तक चली कार्यवाही
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 10 मार्च को शुरू हुआ। सदन में 11 मार्च को आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। 12 मार्च को वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने 4 लाख 21 हजार 32 करोड़ का बजट पेश किया है। जो 78 हजार 902 करोड़ घाटे का बजट है। इस बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा गया है। गरीब, किसान, महिला और युवाओं पर खास फोकस किया गया है। 10 मार्च से 24 मार्च तक यानी 15 दिन के बजट सत्र में कुल 9 बैठकें हुई। इस दौरान कई विधेयक भी पास किए गए।
मप्र नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक पारित
विधानसभा में मध्य प्रदेश नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक 2025 पास हो गया। सदन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने भू अर्जन के कानून में संशोधन के लिए विधेयक पेश किया। जिस पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। इस बीच विधेयक पारित हो गया। एमपी विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन सोमवार को मध्य प्रदेश नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक 2025 पेश किया गया। विपक्ष ने सदन से लेकर सड़क तक विधेयक का विरोध करने की बात कही। पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि किसानों की जमीनें हड़पने के लिए संशोधन विधेयक लाया गया है। हमारी शंकाओं का समाधान नहीं हुआ तो सदन से सड़क तक विरोध होगा। वन क्षेत्र की 37 लाख हेक्टेयर जमीन सरकार लेना चाहती है।
कैलाश विजयवर्गीय ने बताया विधेयक का लाभ
विपक्षी विधायकों ने संशोधन विधेयक पर किसानों को नुकसान की आशंका जताई। निवेश के लिए किसानों की जमीन औने-पौने दाम पर जबरन अधिग्रहण की आशंका जताई। इस पर मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने जवाब देते हुए कहा कि भू अर्जन पर मुआवजा नहीं सीधे जमीन विकसित कर राशि दी जाएगी। विपक्ष गलत आशंका का जाहिर कर रहा है। भू अर्जन छोटे-मोटे निवेश के लिए नहीं होगा। भू अर्जन 40 हेक्टेयर से ज्यादा जमीन पर निवेश प्रस्ताव आने पर ही होगा। हंगामे के बाद मध्य प्रदेश नगर और ग्राम निवेश संशोधन विधेयक 2025 पारित हो गया।