Assam CM on Jumma Break : असम सरकार ने आज ऐतिहासिक फैसला सुनाया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने दो घंटे के जुम्मा ब्रेक पर रोक लगा दी। सीएम हिमंत ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी। 1973 से शुरू जुम्मा ब्रेक की प्रथा को खत्म करते हुए सीएम हिमंत ने कहा कि असम विधानसभा ने उत्पादकता को प्राथमिकता दी है और औपनिवेशिक बोझ के एक और निशान को हटा दिया है।
जुम्मा ब्रेक पर लगी रोक (Assam CM on Jumma Break)
शुक्रवार को असम सरकार ने बड़ा फैसला सुनाते हुए राज्य में जुम्मा ब्रेक पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार ने दो घंटे के जुम्मा ब्रेक को खत्म कर ब्रिटिश सरकार के बनाए इस नियम को समाप्त कर दिया है। असम मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया के X हैंडल पर ट्वीट कर जुम्मा ब्रेक खत्म करने की जानकारी दी।
https://x.com/himantabiswa/status/1829452931520921992?s=19
1937 में शुरू की थी जुम्मा ब्रेक की प्रथा
सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर कहा, “सरकार ने 2 घंटे के जुम्मा ब्रेक को खत्म करके, असम विधानसभा ने उत्पादकता को प्राथमिकता दी है और औपनिवेशिक बोझ के एक और निशान को हटा दिया है। यह प्रथा मुस्लिम लीग के सैयद सादुल्ला ने 1937 में शुरू की थी। इस ऐतिहासिक फैसले के लिए स्पीकर बिस्वजीत दैमारी और हमारे विधायकों का मैं आभार व्यक्त करता हूं।”
विधानसभा में होता था 2 घंटे का ब्रेक (Assam CM on Jumma Break)
असम विधानसभा ने जुम्मा ब्रेक (Assam CM on Jumma Break) को खत्म कर उत्पादकता को प्राथमिकता दी है। विधानसभा में हर शुक्रवार को दो घंटे के लिए ब्रेक दिया जाता था। जुम्मे के दिन दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक मुस्लिम विधायकों को नमाज अदा करने के लिए ब्रेक मिलता था। असम सरकार ने इस नियम को आज सर्वसम्मति के साथ खत्म कर दिया। अब शुक्रवार को कोई ब्रेक नहीं दिया जाएगा।
सभी विधायकों का मिला समर्थन
गौरतलब है कि लोकसभा, राज्यसभा और अन्य राज्यों की विधानसभाओं में नमाज अदा करने के लिए कोई ब्रेक नहीं दिया जाता है। हर शुक्रवार को जुम्मा ब्रेक केवल असम विधानसभा में ही दिया जाता रहा है। इसलिए असम विधानसभा के अध्यक्ष बिस्वजीत दैमरी ने ब्रिटिशकाल से लागू इस नियम को समाप्त करने का फैसला लिया। जिसके बाद असम विधानसभा की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में सर्वसम्मति से जुम्मा ब्रेक को खत्म करने जा निर्णय लिया गया। जिसपर सभी विधायकों ने अपना समर्थन दिया।
असम विधानसभा के ऐतिहासिक निर्णय
बता दें कि यह असम सरकार ने यह फैसला ऐसे समय लिया है जब राज्य विधानसभा की ओर से कुछ ऐतिहासिक संरचनाओं के आसपास ‘विराट बेल्ट और ब्लॉक’ को नोटिफाई करने के लिए असम भूमि और राजस्व विनियमन विधेयक पारित किया गया है। जुम्मा ब्रेक पर रोक लगाने से पहले गुरुवार को असम विधानसभा ने मुस्लिमों के निकाह और तलाक के अनिवार्य सरकारी रजिस्ट्रेशन से जुड़े एक विधेयक को पारित किया जा चुका है।