इस समय अंबेडकर और संविधान को लेकर देश में जो घमासान मचा है कि पूछो मत. राजनितिक दल सिर्फ एक दूसरे की टांग खींचने में लगे हैं, सब की कोशिश यही है कि खुद को संविधान का रक्षक साबित कर दें और दूसरों को संविधान का भक्षक। इस समय दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का पुराना वीडियो बड़ा वायरल है, ये उस दौर का वीडियो है जब केजरीवाल हर राजनीतिक पार्टी को जमकर क्रिटिसाइज करते थे, मुखर होकर अपनी बात रखते थे. केजरीवाल का जो वीडियो वायरल है उसमे वो संविधान को लेकर अपनी राय सामने रखते हैं. वो कहते हैं जिसने भी संविधान लिखा होगा दारु पीकर ही लिखा होगा।
9 सेकेंड के इस वीडियो ने सोशल मीडिया में बवाल काट दिया, जिसने देखा उसी ने ये कहा कि इस समय केजरीवाल भी अंबेडकर की माला जप रहे हैं, दिल्ली में अंबेडकर योजना लेकर आ रहे हैं, अंबेडकर का AI वीडियो बनाकर आशीर्वाद ले रहे हैं लेकिन पहले कहते थे संविधान को दारु पीकर लिखा गया है? दरअसल ये वीडियो फेक नहीं हैं, संविधान और संविधान लिखने वाले को लेकर केजरीवाल ने ही यही बातें भरे मंच से कही थीं. मगर इस वीडियो में दो झोल है पहला तो ये कि वीडियो ट्रिम्ड है यानी पूरा नहीं है और दूसरा ये कि केजरीवाल भारत के संविधान की बात नहीं कर रहे हैं. बता दें कि इस वीडियो को बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने शेयर किया था. इसमें उन्होंने लिखा था कि दिल्ली के आम आदमी पार्टी के मुखिया का ये मुस्कान भरा वीडियो मिला, जिसको सुनकर हर कोई ऐसे बहुरूपिये का असली रंग देख पायेगा.. हैशटैग दलित विरोधी आप।
सांसद मनोज तिवारी ने ऐसा वीडियो शेयर किया तो हड़कंप मच गया, लेकिन जल्द ही उनके द्वारा शेयर किए गए वीडियो की पोल भी खुल गई. मनोज तिवारी को आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने काउंटर किया और उसी वीडियो की 19 सेकेंड्स की क्लिप शेयर की उन्होंने वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा – मनोज तिवारी जी सांसद हो, थोड़ी तो शर्म करो। झूँठ ट्वीट कर रहे हो । सस्ते trollers जैसा बर्ताव करना बंद करो। अपनी नहीं तो कम से कम सांसद पद की तो इज्जत करो।
वीडियो देख आपको समझ आ गया होगा कि अरविंद केजरीवाल किस संविधान की बात कर रहे हैं। वो कांग्रेस के संविधान की बात कर रहे थे जिसमे वो कहते हैं कि कांग्रेस का संविधान कहता है कि कोई भी कोंग्रेसी दारु नहीं पियेगा, तो हम लोग बैठे हुए थे किसी ने कहा जिसने भी संविधान लिखा था दारु पीकर ही लिखा होगा।
तो संजय सिंह ने मनोज तिवारी के द्वारा शेयर किए गए ट्रिम्ड वीडियो की सच्चाई तो सामने ला दी मगर ऐसा करके उन्होंने अपने ही पैर में कुल्हाड़ी भी मार ली. केजरीवाल ये ऐसी बात तब कही थी जब वो कांग्रेस के धुर विरोधी थे लेकिन आज तो NDA छोड़ हर उस पार्टी के समर्थक हैं जिसे कांग्रेस का साथ मिला हुआ है. अब इंडि अलायंस के ज़माने में केजरीवाल का कांग्रेस के संविधान का मजाक उड़ाने वाला वीडियो पुराने जख्मों को फिर ताज़ा करने जैसा है.
खैर इस वीडियो से दो चीज़ें निकल कर सामने आई हैं. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी द्वारा अमित शाह का ट्रिम्ड वीडियो शेयर कर लोगों को बरगलाने की कोशिश की थी उसकी मनोज तिवारी ने बहुत निंदा की थी लेकिन बाद में उन्होंने भी केजरीवाल के साथ वही किया उनका ट्रिम्ड वीडियो शेयर किया, और दूसरी बात ये कि जिस आम आदमी पार्टी ने अमित शाह का ट्रिम्ड वीडियो अपलोड किया था उसे अपने नेता का ट्रिम्ड वीडियो बर्दाश्त नहीं हुआ. यही तो राजनीतिक पार्टियों के दोहरे चरित्र को उजागर करने वाली बात है।