Arvind Kejriwal: दिल्ली शराब नीति से जुड़े कथित घोटाले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किल बढ़ने वाली हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ 2021-22 की शराब नीति में भ्रष्टाचार की जांच पूरी कर ली है और इसी के साथ आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है। केंद्रीय जांच एजेंसी की तरफ से पांचवें और अंतिम आरोप पत्र में राजेंद्र नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक दुर्गेश पाठक, बिजनेसमैन पी शरत रेड्डी, विनोद चौहान और व्यवसायी अमित अरोड़ा और आशीष माथुर का नाम शामिल है।
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23 व्यक्तियों के खिलाफ लगा भ्रष्टाचार का आरोप
दुर्गेश पाठक साल 2022 में गोवा विधानसभा चुनावों के लिए प्रभारी थे। वहीं, शरत रेड्डी ई़डी की समानांतर जांच में सरकारी गवाह हैं और उन्हें क्षमादान दिया गया है। नए आरोप-पत्र में सीबीआई ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और के. कविता सहित 23 व्यक्तियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आपराधिक षड्यंत्र और धोखाधड़ी के तहत आरोप लगाए हैं।
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अरविंद केजरीवाल पर लगे आरोप
- सीबीआई ने कहा कि केजरीवाल आपराधिक षड्यंत्र के मुख्य साजिशकर्ताओं हैं।
- आंध्र प्रदेश के सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी ने मार्च 2021 में केजरीवाल से मुलाकात की।
- उन्होंने दिल्ली मुख्यमंत्री से दिल्ली में शराब के कारोबार में मदद देने का अनुरोध किया।
- केजरीवाल ने उनसे बीआरएस नेता के कविता से संपर्क करने को कहा क्योंकि वह उनकी टीम के साथ काम कर रही थीं।
- आबकारी नीति पर निर्णय लेने के लिए मंत्रियों के समूह की फरवरी 2021 में हुई 8-10 बैठकों का कोई उचित विवरण तैयार नहीं किया गया था।
- मई 2021 में कोविड-19 महामारी के पीक पर रहने के बावजूद नई आबकारी नीति को बहुत जल्दबाजी में संसाधित और अनुमोदित किया गया।