Arijit Singh B’day | शास्त्रीय संगीत की परिपक्वता से संवरता अरिजित सिंह के फिल्मी गीतों का सफर

About Arjit singh In Hindi: 2013 में एक फिल्म आई आशिकी-2 जिसके गीत तुम ही हो .., ने संगीत प्रेमियों को कुछ ऐसे सदा दी कि ये गीत सबकी जुबां पर चढ़ गया और इसके गायक अरिजीत सिंह को फिल्म फेयर में उनका पहला बेस्ट प्ले बैक सिंगर का अवॉर्ड भी दिलवा दिया। फिर सबको याद आया कि ये कोई और नहीं बल्कि वही अरिजीत सिंह हैं जिन्होंने मर्डर 2 में फिर मोहब्बत करने चला हूं मै…., गाया था और 2005 में संगीत के पसंदीदा रियलिटी शो फेम गुरुकुल में हमें दिखाई दे चुके हैं।

Arijit Singh B’day

कैसे तय हुआ यहां तक का सफर :-

दरअसल 25 अप्रैल 1987 को जियागंज मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल में पैदा हुए, अरिजीत के पिता कक्कड़ सिंह एक पंजाबी थे और मां अदिति सिंह एक बंगाली, उनका परिवार विभाजन के दौरान लाहौर से आया था। उनकी नानी गाती थीं, मां और मौसी भी शास्त्रीय संगीत की ज्ञाता थीं। उनके मामा तबला बजाते थे, ये वो परंपरा थी जो अरिजीत जी को संगीत की प्रथम पाठशाला के रूप में मिली। तीन साल की उम्र में, उन्होंने हजारी बंधुओं से रवींद्र संगीत और पॉप म्यूज़िक सीखा और उनकी इस प्रतिभा को देखते हुए सरकार ने नौ साल की उम्र से उन्हें भारतीय शास्त्रीय संगीत में गायन सीखने के लिए छात्रवृत्ति देना शुरू किया था।

रियलिटी शो ने दिखाया रास्ता :-

गुरु राजेंद्र प्रसाद हजारी के कहने पर ही वो 18 साल की उम्र में फेम गुरुकुल में भाग लेने आए पर वोटिंग के आधार पर छठे स्थान पर रहे। अगली बार फिर पूरे जोश के साथ रियलिटी शो 10 के 10 ले गए दिल में हिस्सा लिया जिसमें फेम गुरूकुल और इंडियन आइडल के विजेताओं के बीच कड़ा मुकाबला था लेकिन इसमें बाज़ी मारते हुए आपने सबका दिल जीत लिया इस जीत के बाद ही उन्होंने मुंबई में रहने का फैसला किया। लोखंडवाला इलाके में एक किराए के कमरे में रहने लगे और रियलिटी शो में मिली ₹ 1 मिलियन की पुरस्कार राशि से अपना रिकॉर्डिंग स्टूडियो बनाया, संगीत निर्माता बन गए जिससे उन्हें विज्ञापन, समाचार चैनलों और रेडियो स्टेशनों के लिए संगीत रचना और गायन का काम मिलने लगा।


इस बीच इंडस्ट्री के कई बड़े संगीत निर्देशकों के लिए बतौर म्यूज़िक प्रोग्रामर और प्रोड्यूसर काम किया जिसमें वो कोरस का मैनेजमेंट संभालते थे लेकिन संगीतकार प्रीतम ने उनपर भरोसा किया और उनके साथ वो केवल अपने दम पर काम करने लगे।
प्रीतम के साथ ही आपने 2010 में, आपने तीन फिल्मों- गोलमाल-3, क्रूक और एक्शन रिप्ले में काम किया ।

2010 रुख़ किया तेलगु फिल्म उद्योग की तरफ :-

फिल्म केडी में संदीप चौटा के लिखे गीत “नीवे ना नीवे ना” गाया इस शुभारंभ के बाद ही आपने फिर मोहब्बत करने चला हूं मै गाया जो काफी लोकप्रिय हुआ। 2012 में कुछ और फिल्मों के गाने आपको मिले जैसे एजेंट विनोद, प्लेयर्स, कॉकटेल और बर्फी ! जिनमें आपने प्रीतम के संगीत निर्देशन में गीत गाए। उनके दिलकश गीतों का ये सफ़र मुसलसल आज तक जारी है
वो सिंगर और म्यूज़िक प्रोग्रामर तो हैं ही, साथ ही वो बैडमिंटन प्लेयर, राइटर, मूवी फ्रीक और डाॅक्युमेंट्री मेकर भी हैं।


कुछ और गानें याद दिलाए तो:-


जवां दिलों की धड़कन बनें गीत दिल्लीवाली गर्लफ्रेंड, कबीरा, इलाही, ‘मैं रंग शरबतों का’ कश्मीर मैं तू कन्याकुमारी, ‘कभी जो बादल बरसे, ‘तोसे नैना’ ‘रात भर’ समझांवां, हमदर्द, मनवा लागे, मुस्कुराने की वजह, सुनो ना संगमरमर, मस्त मगन, सूरज डूबा है, खामोशियां, बातें ये कभी ना’ जैसे गाने गाए और नई बुलंदियों को छू लिया। और लगातार अपनी बेहतरीन गायकी का लोहा मनवा रहे हैं। बाजीराव मस्तानी के गीत तुझे याद कर लिया है को भूलना किसी भी संगीत प्रेमी के लिए मुश्किल है।


कमियाबी की इस राह में मिले कई सम्मान :-

आपके नाम रहे दो राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और सात फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कारों सहित कई अन्य पुरस्कार,
भारत सरकार ने उन्हें 2025 में पद्म श्री से भी सम्मानित किया। उन्होंने पद्मावत के गाने “बिन्ते दिल” और ब्रह्मास्त्र: भाग एक – शिवा (2022) के ” केसरिया ” के लिए दो बार सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता।


उनकी मधुभरी आवाज़ की दीवानगी इस क़दर है कि 142 मिलियन से अधिक फ़ॉलोअर्स के साथ स्पॉटिफ़ाई पर वैश्विक स्तर पर सबसे ज़्यादा फ़ॉलो किए जाने वाले आर्टिस्ट हैं। वो ऐसे ही सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करते रहें इसी शुभ कामना के साथ उन्हें जन्मदिन की हार्दिक बधाई।

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