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Gyanvapi Case: ज्ञानवापी के सभी मुकदमे हाई कोर्ट स्थानांतरित करने की अपील, 19 अक्टूबर को सुनवाई।

Gyanvapi Case : ज्ञानवापी स्थित मां श्रृंगार गौरी की नियमित पूजा-अर्चना की अनुमति देने के संबंध में जिला जज संजीव पांडेय की अदालत में लंबित मामले की सुनवाई शनिवार को हुई। इस दौरान वकील विष्णु शंकर जैन ने जिला जज की अदालत में लंबित श्रृंगार गौरी व इससे संबंधित छह अन्य मामलों को हाईकोर्ट में स्थानांतरित करने की अपील की और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका की भी जानकारी दी।

श्रीराम जन्मभूमि की तरह ज्ञानवापी मामला भी बेहद संवेदनशील | Gyanvapi Case

विष्णु शंकर जैन ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि की तरह ज्ञानवापी से जुड़े मामले भी बेहद संवेदनशील हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए श्री राम जन्मभूमि के मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई। अब मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले की सुनवाई भी वहीं हो रही है।

ज्ञानवापी में नए मंदिर बनाए जाएं, हिंदुओं को पूजा-अर्चना का अधिकार मिले।

ऐसे में ज्ञानवापी से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई जिला जज की अदालत से हाईकोर्ट में स्थानांतरित की जाए। ज्ञानवापी में नए मंदिर के निर्माण और हिंदुओं को पूजा का अधिकार दिए जाने को लेकर 1991 में दर्ज मुकदमे के पक्षकार विजय शंकर रस्तोगी ने जिला जज की अदालत में चल रहे ज्ञानवापी मुकदमों की सुनवाई हाईकोर्ट में करने की गुहार लगाते हुए याचिका दाखिल की है।

ज्ञानवापी में पूजा में बाधा डालने वालों का प्रवेश वर्जित किया जाए। Gyanvapi Case

ज्ञानवापी को हिंदुओं को सौंपने, वहां मिले शिवलिंग की पूजा की अनुमति देने और इसमें बाधा डालने वालों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग को लेकर भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान की ओर से किरन सिंह के मुकदमे की सुनवाई जिला अदालत में हुई।

अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की ओर से पुनरीक्षण याचिका खारिज हो ।

मुकदमे के वादी विकास शाह और विद्या चंद की ओर से कहा गया कि मूल मुकदमे और उसके खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद की पुनरीक्षण याचिका की सुनवाई एक साथ जिला जज की अदालत में नहीं की जा सकती। इसलिए मूल मामले को संबंधित न्यायालय में स्थानांतरित किया जाए अथवा पुनरीक्षण याचिका खारिज की जाए।

दोनों मामलों की सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी | Gyanvapi Case

उन्होंने इस संबंध में हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका भी पेश की। मूल मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने सुनवाई के लिए उपयुक्त माना। इस फैसले के खिलाफ अंजुमन ने जिला जज की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दायर की है। कोर्ट ने दोनों मामलों की सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 अक्टूबर दी है।

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