Bengal Aparajita Bill : कोलकाता के सरकारी आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विधानसभा के विशेष सत्र (बंगाल विधानसभा समाचार) के दूसरे दिन बंगाल सरकार ने दुष्कर्म विरोधी संशोधन विधेयक पेश किया।
10 दिन के भीतर फांसी होगी सुनिश्चित।
इस विधेयक का उद्देश्य पीड़ितों को न्याय दिलाना और दुष्कर्म के दोषियों को त्वरित और सख्त सजा दिलाना है। इस विधेयक में दुष्कर्म के दोषियों को 10 दिनों के भीतर फांसी का प्रस्ताव पास होगा और 36 दिन के भीतर फांसी देने का प्रावधान है।
इस विधेयक का नाम अपराजिता महिला एवं बाल (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक 2024 है। राज्य में मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक भी इस विधेयक का समर्थन करेंगे। मंगलवार को ही सदन से पारित होने के बाद विधेयक राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
इस विधेयक के अंदर क्या है
1: दुष्कर्म, हत्या मामले में फांसी का प्रावधान
2: इस विधेयक के तहत आरोप पत्र दाखिल होने के 36 दिनों के भीतर मृत्युदंड का प्रावधान होगा।
3: बलात्कार ही नहीं बल्कि एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर अपराध है, जिसके लिए इस बिल में आजीवन कारावास का भी प्रावधान है।
4: हर जिले में एक विशेष बल- अपराजिता टास्क फोर्स का गठन किया
5: यह विधेयक एसिड अटैक या छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई करेगी।
6: इस बिल में एक और बेहद अहम बात जोड़ी गई है, वो ये कि अगर कोई पीड़िता की पहचान उजागर करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
पहले भी इस तरह का बिल लाने की कोशिश की गई थी
इस बिल को पेश करने के लिए राज्य में एक विशेष सत्र बुलाया गया है। हालांकि, यह पहली बार नहीं है कि किसी राज्य की सरकार ने महिलाओं और बच्चों के खिलाफ बलात्कार और गंभीर अपराधों के लिए इस तरह का बिल पेश किया हो, इससे पहले भी 2 राज्य इस तरह के बिल लाने की कोशिश कर चुके हैं। आंध्र प्रदेश ने साल 2019 में दिशा बिल लाने की कोशिश की और महाराष्ट्र ने साल 2020 में शक्ति बिल लाने की मुहिम चलाई, लेकिन बिल को मंजूरी नहीं मिली।