Anuparna Roy ‘Song of Forgotten Trees’: कौन है वेनिस फिल्म फेस्टिवल 2025 में पुरस्कार जीतने वाली अनुपर्णा रॉय

Anuparna Roy ‘Song of Forgotten Trees’

Anuparna Roy ‘Song of Forgotten Trees’: बॉलीवुड की चमक दमक को देखकर करियर बनाने का सपना देखने वाले तो कई लोग होंगे, परंतु चंद लोग ही इस सपने को पूरा कर पाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं इस फील्ड में कुछ ऐसा कर जाते हैं जिसे पूरी दुनिया याद रखती है। और ऐसा ही काम कोलकाता के छोटे से कस्बे पुरुलिया से आने वाली लड़की ने कर दिखाया है। जी हां, हम बात कर रहे हैं अनुपर्णा रॉय की। आज अनुपर्णा रॉय का नाम केवल भारत या बंगाल तक की सीमित नहीं है बल्कि इन्हें अब इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल के गलियारों में भी सम्मान मिल रहा है।

Anuparna Roy ‘Song of Forgotten Trees’
Anuparna Roy ‘Song of Forgotten Trees’

इटली के वेनिस फिल्म फेस्टिवल में किया भारत का नाम

जी हां, इटली के वेनिस फिल्म फेस्टिवल 2025 में अनुपर्णा रॉय ने अपनी फिल्म ‘सॉन्ग ऑफ़ फॉरगॉटेन ट्री’ से धमाल मचाते हुए बेस्ट डायरेक्टर का खिताब अपने नाम कर लिया है। इस तरह का अवार्ड पाने वाली अनुपर्णा रॉय पहली भारतीय डायरेक्टर है। इससे पहले वेनिस फिल्म फेस्टिवल में किसी भी फिल्म को एंट्री नहीं मिली है और ना ही किसी फिल्म ने अवार्ड जीता है। ऐसे में पुरुलिया की इस लड़की ने अपने दम पर पूरी दुनिया का ध्यान खींच लिया है।

बात करें अनुपर्णा रॉय की इस ‘सॉन्ग ऑफ़ द फॉरगॉटेन ट्री’ मूवी की तो यह कहानी मुंबई में रहने वाली दो प्रवासी महिलाओं की है। इन दोनों महिलाओं के संघर्ष, रिश्तो और भावनात्मक उथल-पुथल के इर्द-गिर्द इस फिल्म की कहानी बुनी गई है। इस फिल्म को ज्यूरी ने सेंसिटिव, हार्ट टचिंग और एक्सपेरिमेंट कहकर सराहा और बेस्ट डायरेक्टर के खिताब से नवाजा। फिल्म को अवार्ड मिलते ही मुंबई फिल्म सर्कल में भी हड़कम्प मच गया। वह लड़की जो पहले काम के लिए तरसती थी, मौके की तलाश करती थी उसे अब अवार्ड के बाद एक के बाद एक बड़े प्रोडक्शन हाउस से ऑफर मिलने लगे हैं। सूत्रों की माने तो नेटफ्लिक्स और अमेजॉन प्राइम जैसी कंपनियां भी अनुपर्णा रॉय से कांटेक्ट कर रही है।

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कौन है वेनिस फिल्म पुरुस्कार की विजेता- अनुपर्णा रॉय?

अनुपर्णा रॉय का जन्म पश्चिम बंगाल के पुरूलिया जिले के नारायणपुर गांव में हुआ। इनकी बेसिक शिक्षा वही पूरी हुई और इसके बाद उन्होंने दिल्ली से मास कम्युनिकेशन में मास्टर की डिग्री हासिल की। इसके बाद शुरुआती दिनों में उन्होंने दिल्ली के कॉल सेंटर में जॉब की परंतु 2022 में उन्होंने अपना सबसे बड़ा फैसला लिया और नौकरी छोड़कर मुंबई आ गई। जहां उन्होंने अपने सपनों को परवाज़ देने का हर संभव प्रयत्न किया। पिता से मिला पैसा वह फिल्मों पर लगाती थी, कहानी लिखती थी, शॉर्ट फिल्म और डॉक्यूमेंट्री बनाती थी और उनकी इसी मेहनत का नतीजा यह है कि आज उनके द्वारा बनाई गई ‘सॉन्ग ऑफ फॉरगॉटेन ट्री’ को वेनिस फिल्म फेस्टिवल में खिताब से नवाजा गया है।

अनुपर्णा रॉय को अवार्ड मिलने के बाद बड़े-बड़े पॉलीटिकल पार्टी और फिल्म इंडस्ट्रीज की बधाइयां आने लगी है। यहां तक की बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी उन्हें बंगाल का नाम रोशन करने के लिए बधाई दी है। इसके अलावा बंगाल के राज्यपाल ने भी इसे ऐतिहासिक जीत बताया है। हालांकि अनुपर्णा रॉय का मानना है कि यह फिल्म उन तमाम औरतों को समर्पित है जिनकी आवाज दबा दी जाती है और वह चाहती है कि ऐसी और कहानी वे बड़े पर्दे पर लाएं।

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