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Andhra Pradesh Dissolved Waqf Board : आंध्र प्रदेश ने भंग की वक्फ बोर्ड, चंद्रबाबू  नायडू बनाएंगे नया बोर्ड 

Andhra Pradesh Dissolved Waqf Board : देश भर में वक्फ बोर्ड को लेकर विवाद चल रहा है। इस बीच आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने वक्फ बोर्ड को भंग कर दिया। राज्य में जगन मोहन की वाईएसआरसीपी सरकार ने वक्फ बोर्ड का गठन किया था। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने पिछले जीओ संख्या 47 को वापस लेने के पीछे कई कारण बताए हैं। इसके खिलाफ कोर्ट में याचिकाएं भी दायर की गईं हैं।

आंध्र प्रदेश ने भंग किया वक्फ बोर्ड | Andhra Pradesh Dissolved Waqf Board

आंध्र प्रदेश की चंद्रबाबू सरकार ने शनिवार को वक्फ बोर्ड को भंग नया बोर्ड गठित करने का बड़ा फैसला किया। कानून और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री एन. मोहम्मद फारूक ने इस संबंध में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। राज्य सरकार ने वाईएसआर कांग्रेस द्वारा स्थापित राज्य वक्फ बोर्ड से संबंधित पिछले सभी आदेशों को रद्द कर दिया है। 

2025 में पेश होगा वक्फ संशोधन बिल | Waqf Board

चंद्रबाबू नायडू सरकार ने आंध्र प्रदेश में यह फैसला ऐसे समय में लिया जब देश में वक्फ बोर्ड को लेकर बहस चल रही है। वक्फ बोर्ड  की जमीनों को लेकर विवाद के बीच राज्य सरकार ने वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उसमें सुधार के लिए वक्फ संशोधन बिल लाने का फैसला किया है। सरकार इस बिल पर चर्चा कर रही है। चंद्रबाबू नायडू ने बजट सत्र 2025 में वक्फ संशोधन बिल पेश करने का दावा किया है। 

जीओ-47 को रद्द कर जीओ-75 किया जारी | AP State Waqf Board

राज्य सरकार ने पिछली सरकार के दौरान अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा जारी किए गए जीओ-47 को रद्द कर दिया। इसके स्थान पर सरकार ने जीओ-75 जारी किया गया है। सरकार ने निर्णय वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 के संबंध में मुस्लिम समूहों और विपक्षी दलों के विरोध के बाद लिया गया है।

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जी.ओ. सुश्री संख्या 47 के खिलाफ दायर रिट याचिकाएं 

सुन्नी और शिया समुदायों के स्कॉलर्स का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
बोर्ड में पूर्व सांसदों को शामिल नहीं किया गया था।
बार काउंसिल श्रेणी से, जूनियर अधिवक्ताओं को उचित मानदंडों के बिना चुना गया, जिससे मामले दायर करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ताओं के हितों का टकराव हुआ।
एस.के. खाजा के बोर्ड सदस्य के रूप में चुने जाने के खिलाफ कई शिकायतें मिली थी, खासकर मुतवल्ली के रूप में उनकी पात्रता के संबंध में।
विभिन्न अदालती मामलों के कारण अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो पाया था।
मार्च 2023 से ही वक्फ बोर्ड निष्क्रिय है, जिससे कामकाज रूक गया है।

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