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Andhra Liquor Scam : आंध्र प्रदेश शराब घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री जगन रेड्डी का नाम, बड़ी रिश्वत लेने का आरोप

Andhra Liquor Scam : आंध्र प्रदेश पुलिस ने 3500 करोड़ के Andhra pradesh Liquor Scam मामले में स्थानीय अदालत में चार्जशीट दाखिल की जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर रिश्वत लेने का आरोपी बनाया। शनिवार को दाखिल चार्जशीट में आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जगन रेड्डी का भी नाम है। अदालत ने अभी तक इस पर संज्ञान नहीं लिया है। जगन ने एक्स पर एक पोस्ट में कथित शराब घोटाले को मनगढ़ंत कहानी बताया। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से मीडिया में तमाशा बनाने और असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए गढ़ी गई थी। YSRCP प्रमुख ने कहा कि पूरा मामला मनघड़ंत है केवल दवाब और धमकियों से संभव हो पाया है।

फर्जी कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई।

पुलिस चार्जशीट के अनुसार, राजशेखर रेड्डी ने आरोपी चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी (पूर्व विधायक) के साथ मिलकर वाईएसआरसीपी पार्टी की ओर से चुनावों के लिए 250-300 करोड़ रुपये की नकदी भेजी और 30 से ज़्यादा फ़र्ज़ी कंपनियों के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग में भी शामिल रहे। चार्जशीट में आरोप लगाया गया है कि इस रकम का इस्तेमाल दुबई और अफ्रीका में ज़मीन, सोना और आलीशान संपत्तियाँ खरीदने में किया गया। पुलिस ने आरोप लगाया है कि मुख्य आरोपियों ने पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के दौरान नई शराब नीति इस इरादे से लाई थी कि शराब की आपूर्ति और बिक्री पर उनका पूरा नियंत्रण हो, जिससे 2019 से 2024 के बीच कमीशन/किकबैक कमाने का उनका बड़ा लक्ष्य हासिल हो सके।

रिश्वत न देने वालों की मंज़ूरी रोक दी गई। Andhra Liquor Scam

जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोपियों ने जानबूझकर उन ब्रांडों/डिस्टिलरीज़ की ओएफएस मंज़ूरी रोक दी, जिन्होंने रिश्वत की मांग पूरी नहीं की। कथित शराब घोटाले की जाँच कर रही एसआईटी ने वाईएसआरसीपी के लोकसभा सदस्य पीवी मिधुन रेड्डी को शनिवार को कई घंटों की पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया। मई में, प्रवर्तन निदेशालय ने भी कथित शराब घोटाले की जाँच के लिए धन शोधन का मामला दर्ज किया था। ईडी ने राज्य में शराब की बिक्री में कथित अनियमितताओं की जाँच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धाराओं के तहत ईसीआईआर दर्ज की है।

डिस्टीलरी 12% कमीशन देने पर सहमत | Andhra Liquor Scam

अब तक की जाँच से पता चला है कि 2019 की दूसरी छमाही में, जैसा कि आरोपपत्र में दावा किया गया है, सज्जला श्रीधर रेड्डी (ए-6) ने हैदराबाद के होटल पार्क हयात में डिस्टिलरी मालिकों की एक बैठक बुलाई थी। इसमें आगे कहा गया है कि डिस्टिलरी को सिंडिकेट के साथ सहयोग करने के लिए कहा गया था। आरोपपत्र में आरोप लगाया गया है, “बैठक के दौरान, मालिकों को धमकी दी गई थी कि अगर वे उनके प्रस्ताव स्वीकार नहीं करते हैं तो उन्हें कोई ऑर्डर जारी नहीं किया जाएगा। इस तरह की धमकियाँ और ओएफएस जारी न करने की धमकी देकर रिश्वत लेना जबरन वसूली के समान है।” कारोबार में नुकसान के डर से, कई डिस्टिलरी 12 प्रतिशत की दर से रिश्वत देने पर सहमत हो गईं। यह भी आरोप लगाया गया है कि जल्द ही यह प्रतिशत बढ़ाकर आधार मूल्य का 20 प्रतिशत कर दिया गया।’

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