An Inspirational Story : “लोहा खा गया घुन” – लालच व न्याय की शिक्षा प्रेरणादायक कहानी

An Inspirational Story : “लोहा खा गया घुन” – लालच व न्याय की शिक्षा प्रेरणादायक कहानी – हमारे जीवन में रिश्ते, विश्वास और नैतिक मूल्य बहुत मायने रखते हैं। जब इन पर लालच हावी हो जाता है, तो अच्छे से अच्छे रिश्ते भी टूट जाते हैं। भारतीय लोककथाओं में ऐसी कई कहानियां मिलती हैं जो हमें जीवन के मूल्यों और सही रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती हैं। आज हम एक ऐसी ही रोचक और शिक्षाप्रद कहानी सुनाने जा रहे हैं – “लोहा खा गया घुन”। यह सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि मानवीय स्वभाव, लालच और न्याय की गहराई को समझाने वाली अद्भुत सीख है।

कहानी की पृष्ठभूमि
बहुत समय पहले की बात है, दो व्यक्ति थे उनके बिच आपसी रिस्ता मामा और फूफा तो था ही लेकिन वो दोनों आपस में बहुत अच्छे मित्र भी थे और व्यापार में साझेदार भी। उनका आपसी विश्वास इतना गहरा था कि दोनों ने मिलकर एक व्यापारिक योजना बनाई। मामा ने फूफा से कहा – “फूफा, क्यों न हम ऐसा कुछ खरीद लें जिसकी कीमत बढ़ती रहे और जो जल्दी खराब भी न हो। फिर जब उसका दाम बढ़े तो उसे बेच दें। हमें अच्छा लाभ मिलेगा। फूफा को यह विचार पसंद आया और उन्होंने आपस में राय-मशवरा कर लोहा खरीदने का निर्णय लिया। दोनों ने बराबर रुपये मिलाकर लोहा खरीदा और मामा को जिम्मेदारी दी कि वह इसे किसी सुरक्षित जगह पर रखदेते है।

लालच का जन्म
मामा ने लोहा अपनी पुरानी कोठरी में रख दिया। कुछ दिन तक सब ठीक चलता रहा। लेकिन धीरे-धीरे मामा के मन में लालच घर करने लगा। “इतना सारा लोहा पड़ा है, अगर मैं इसे बेच दूं तो अच्छा पैसा मिल जाएगा, और फूफा को क्या पता चलेगा ?” इस सोच के साथ मामा ने चोरी-छुपे लोहा बेचना शुरू कर दिया। समय बीतता गया और पूरा लोहा बिक गया।

सच्चाई छिपाने का बहाना
काफी समय बाद फूफा ,मामा के पास आया और बोला – “मामा, आज लोहे का भाव बहुत बढ़ गया है, जल्दी से लोहा निकालो, चलो इसे बेच देते हैं,” मामा घबरा गया। उसने झूठ बोलते हुए कहा – “फूफा, लोहा तो अब नहीं है,लोहे को तो घुन खा गए।” फूफा समझ गया कि मामा ने उसके साथ धोखा किया है। उसे बहुत क्रोध आया, लेकिन उसने कुछ नहीं कहा,शांत मन से वहां से चला गया।

फूफा जी की योजना
कुछ दिनों बाद फूफा मामा के पास आया और बोला -“मामा, मैं एक बारात में जा रहा हूं , बहुत अच्छा इंतजाम है मैं अकेला जा रहा हूं, चाहो तो अपने लड़के को मेरे साथ भेज दो, उसे भी मजा आ जाएगा।” मामा ने बिना सोचे-समझे अपने बेटे को फूफा के साथ भेज दिया। दो दिन बीत गए लेकिन मामा का बेटा घर वापस नहीं आया। मामा परेशान होकर फूफा के पास गया और पूछा, “फूफा, मेरा लड़का कहां है ? अभी तक क्यों नहीं आया ?” फूफा बोला – “क्या बताऊं मामा, रास्ते में एक चील उसे उठा कर ले गई,” मामा चौंक गया , “यह कैसे हो सकता है ? कोई चील 12 साल के लड़के को कैसे उठा सकती है ? तुम झूठ बोल रहे हो, मेरा लड़का मुझे वापस करो, नहीं तो मैं राजा भीम के पास जाऊंगा ।”
फूफा ने कहा , “ठीक है मामा, चलो राजा के पास वही न्याय करेंगे।”

राजा भीम के दरबार में
दोनों राजा भीम के दरबार में पहुंचे। राजा ने पूरी बात सुनी और फूफा से कहा ,“फूफा, तुम झूठ बोल रहे हो, कोई चील 12 साल के लड़के को उठा नहीं सकती, तभी फूफा ने शांत होकर जवाब दिया – “कथा कहूं कथावली, सुनो राजा भीम। लोहा को घुन खाय, तो लड़का ले गया चील।”राजा सब समझ गए। उन्होंने मामा की ओर देखा और कहा , “मामा, जैसे चील का लड़का उठाना असंभव है वैसे ही लोहे को घुन खाना भी असंभव है। तुमने फूफा का लोहा चुराया है, तुरंत उसका मूल्य लौटाओ और फूफा को उसका हक दो।” राजा के आदेश के बाद मामा ने अपनी गलती मानी और फूफा का लोहा (या उसकी कीमत) वापस कर दी। बदले में फूफा ने मामा का लड़का सुरक्षित लौटा दिया।

कहानी से सीख (Moral of the Story)
लालच विनाश की जड़ है – जब इंसान लालच में आकर किसी का हक मारता है, तो अंत में उसे नुकसान ही उठाना पड़ता है।
न्याय देर से हो सकता है लेकिन होता जरूर है – फूफा ने धैर्य से काम लिया और अंततः न्याय पाया,रिश्तों में विश्वास बनाए रखना जरूरी है – साझेदारी विश्वास पर टिकती है। एक बार यह टूट जाए तो रिश्ते भी खत्म हो जाते हैं ,सच्चाई की जीत होती है – चाहे कितनी भी चालाकी कर लो, सच्चाई एक न एक दिन सामने आ ही जाती है। धैर्य और बुद्धिमानी सबसे बड़ा हथियार है – फूफा ने गुस्से में कोई गलत कदम नहीं उठाया बल्कि योजना से काम लिया और मामा को उसकी गलती का अहसास कराया।

विशेष – यह कहानी हमें यह सिखाती है कि लालच इंसान को अंधा बना देता है। रिश्तों से बड़ा कोई धन नहीं है। यदि हम अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को धोखा देते हैं, तो अंततः हमें ही शर्मिंदा होना पड़ता है। इसलिए हमेशा ईमानदारी से व्यापार करें, रिश्तों में विश्वास बनाए रखें और किसी का हक न मारें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *