उत्तर प्रदेश के तालों के नाम से मशहूर शहर अलीगढ़ में साइबर जालसाजों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अधिकारी बनकर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) की सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर से 75 लाख रुपये से अधिक की ठगी कर ली। एक पुलिस अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में अकेली रहने वाली प्रोफेसर कमर जहां ने इस मामले में 11 अक्टूबर को साइबर अपराध थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
मामला पुलिस तक पहुंचने के बाद 13 लाख का लेन-देन रोक दिया गया
उन्होंने बताया कि शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तत्काल संबंधित बैंकों को अलर्ट जारी किया और जांच में पता चला कि ठगी की पूरी रकम 21 अलग-अलग बैंक खातों के जरिए भेजी गई थी, हालांकि पुलिस के हस्तक्षेप से 13 लाख रुपये का लेन-देन रोक दिया गया। मामले की जांच कर रहे साइबर थाने के इंस्पेक्टर वीडी पांडेय ने मीडिया को बताया कि पीड़िता के मुताबिक जालसाजों ने उसे 10 दिन से अधिक समय तक ‘डिजिटल गिरफ्तारी’ में रखा।
फोन कर खुद को बताया ईडी अधिकारी
इस दौरान उन्होंने उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में संलिप्त होने की बात कहकर ‘गिरफ्तारी’ से बचने के लिए पैसे देने का दबाव बनाया। उन्होंने बताया कि 28 सितंबर को कमर जहां को कॉल करने वाले व्यक्ति ने खुद को ईडी अधिकारी बताया और कहा कि उसने मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित कुछ संदिग्ध बैंक लेनदेन किए हैं और अगर वह गिरफ्तारी से बचना चाहती है, तो उसे बताए गए बैंक खातों में तुरंत एक निश्चित राशि जमा करनी होगी।
जालसाजों ने पीड़िता से ठगे 75 लाख रुपये
पांडे ने बताया कि इस लेनदेन के लिए कमर जहां को कुछ बैंक खाता नंबर दिए गए थे। उन्होंने बताया कि पीड़िता डरी हुई थी, उसने जालसाजों की मांग मान ली और धीरे-धीरे उनसे 75 लाख रुपये से अधिक की रकम ऐंठ ली। अधिकारी ने बताया कि दो दिन पहले ही पीड़िता को लगा कि उसके साथ ठगी हुई है, जिसके बाद उसने पुलिस से संपर्क किया।