रीवा में अमित शाह एवं सीएम डॉ. यादव प्राकृतिक खेती का करेंगे शुभारंभ, कृषक सम्मेलन में होंगे शामिल

Union Home Minister Amit Shah meeting Madhya Pradesh CM Mohan Yadav during Rewa event preparation

रीवा। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 25 दिसम्बर को रीवा में प्राकृतिक खेती का शुभांरभ करके कृषक सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होंगे। केन्द्रीय गृह मंत्री श्री शाह एवं मुख्यमंत्री डॉ. यादव रीवा जिले के सेमरिया क्षेत्र स्थित बसामन मामा गौ अभ्यारण्य में अपरान्ह 3 बजे से आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।

ये अतिथी होगे शामिल

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हेमन्त खंडेलवाल समेत अन्य अतिथी भी शामिल होंगे। अतिथियों द्वारा ई-कार्ट के माध्यम से गौ-शाला का अवलोकन किया जायेगा। कार्यक्रम स्थल पर लगाई गई कृषि विभाग की प्रदर्शनी का अवलोकन करेंगे। कार्यक्रम में प्रगतिशील व प्राकृतिक खेती करने वाले कृषकों को सम्मानित किया जायेगा।

बेसहारा गौवंश का है आश्रय केन्द्र

बसामन मामा गौ अभ्यारण्य का निर्माण बेसहारा और बीमार गौवंश को आश्रय देने के लिए किया गया है। इसमें वर्तमान में सात हजार से अधिक गौवंश को आश्रय दिया गया है। इस गौ-शाला से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में निकलने वाले गोबर से जैविक खाद, गो काष्ठ, गोनाइल तथा अन्य उत्पाद बनाए जा रहे हैं। यह कार्य स्वयंसेवी संस्था द्वारा किया जा रहा है।

कृषि वर्ष के रूप में मनाया जाएगा 2026

वर्ष 2026 को कृषि वर्ष मनाये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके अंतर्गत समन्वित रूप से कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में कृषकों की आय में वृद्धि की जायेगी, कृषि को प्राकृतिक खेती के माध्यम से जलवायु अनुकूल बनाया जायेगा, किसानों की उपज के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित किया जायेगा, तकनीकी सुधार एवं यंत्रीकरण पर विशेष जोर होगा, डिजीटल एग्री के माध्यम से क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना एवं कृषि एवं संबद्ध क्षेत्रों में विविधीकरण को बढावा देना, मूल्य संवर्धन के माध्यम से नये रोजगार सृजन किया जायेगा।

कृषि परिदृश्य

देश में मध्य प्रदेश मक्का एवं सोयाबीन के उत्पादन में प्रथम स्थान तथा गेहॅू, उड़द, मसूर, चना, सरसों, कुल तिलहन, कुल दलहन, कुल खाद्यान्न, कुल मोटा अनाज में द्वितीय स्थान पर है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश सरकार द्वारा गत 2 वर्षों में 48 लाख 51 हजार किसानों से 02 करोड़ 41 लाख 31 हजार मीट्रिक टन अनाज खरीदा गया है। जिसके विरूद्ध 81 हजार सात सौ अड़सठ करोड़ रूपये का भुगतान किसानों के खाते में किया गया है।

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