अमेरिका की नई टैरिफ नीति: भारत को मिलेगा निवेश हब बनने का मौका

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की नई टैरिफ नीति भारत के लिए बड़े आर्थिक अवसर ला सकती है। (US Tariff Policy) अरिहंत कैपिटल की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका भारत पर अन्य देशों की तुलना में कम टैरिफ लागू कर सकता है, जिससे भारत ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग और निवेश हब बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है। (India Investment Hub) ट्रम्प ने कंबोडिया, वियतनाम, बांग्लादेश और अन्य देशों पर 25% से 49% तक के भारी टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जबकि भारत पर अपेक्षाकृत कम 10% अतिरिक्त टैरिफ की बात कही गई है।

ट्रम्प ने 1 अगस्त 2025 से शुरू होने वाले इन टैरिफ्स की घोषणा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर की। (Truth Social) उन्होंने कहा कि यह नीति अमेरिकी हितों की रक्षा और “निष्पक्ष व्यापार” सुनिश्चित करने के लिए है। कंबोडिया पर 49% और वियतनाम पर 20% टैरिफ (पहले 46% प्रस्तावित था) लागू होगा, जबकि भारत को रियायत के साथ कम शुल्क का सामना करना पड़ेगा।

वियतनाम ने अमेरिकी बाजार में अपने उत्पादों के लिए अधिक पहुंच देने के बदले यह रियायत हासिल की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत-ब्रिटेन फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (मई 2025 में साइन होने की संभावना) और यूरोपीय संघ के साथ चल रही व्यापार वार्ता ने भारत को वैश्विक व्यापार में मजबूत स्थिति दी है। (India-UK FTA) ये समझौते भारत को टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश आकर्षित करने का मौका दे रहे हैं।

खासकर, बांग्लादेश के टेक्सटाइल उद्योग पर 35% टैरिफ से भारत को इस सेक्टर में बड़ा फायदा हो सकता है। (Textile Industry)ट्रम्प ने BRICS देशों (भारत, चीन, रूस, ब्राजील आदि) पर 10% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी दी है, यह आरोप लगाते हुए कि ये देश अमेरिकी डॉलर को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। (BRICS Tariffs) हालांकि, भारत ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधकर अमेरिका के साथ रणनीतिक संबंधों को प्राथमिकता दी है।

X पर कुछ यूजर्स ने इसे भारत के लिए “ईश्वर प्रदत्त अवसर” बताया, विशेष रूप से टेक्सटाइल और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में। (Textile Opportunity) ट्रम्प ने जापान, दक्षिण कोरिया, म्यांमार, मलेशिया और अन्य देशों को भी टैरिफ पत्र भेजे हैं, जिसमें 25% से 40% तक शुल्क की बात कही गई है। (Reciprocal Tariffs) इसके विपरीत, ब्रिटेन और वियतनाम जैसे देशों ने अमेरिका के साथ समझौते कर टैरिफ कम करवाए हैं। भारत भी ऐसी ही एक डील की उम्मीद कर रहा है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन बने। (Trade Deal) यह नीति वैश्विक व्यापार में बड़े बदलाव का संकेत दे रही है। भारत के लिए यह एक सुनहरा अवसर हो सकता है, बशर्ते वह अपनी नीतियों और बुनियादी ढांचे को निवेश के लिए तैयार रखे। (Global Manufacturing Hub) क्या भारत इस मौके का फायदा उठाकर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में अपनी स्थिति मजबूत कर पाएगा? यह सवाल भविष्य तय करेगा।

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