Share Market ने करीब से देखा, Extra 25℅ Tariffs का खौफ! कहाँ क्या बदलेगा?

PM Modi On Donald Trump Tariff

Trump Tariff News: Share Market में एडिशनल टैरिफ को लेकर यह भावना थी कि कुछ न कुछ हल निकल जाएगा और यह रद्द हो जायेगा, लेकिन आज यानी मंगलवार की सुबह भारतीय शेयर बाज़ार ने टैरिफ ड्राफ्ट तैयार होने की खबर से ही गिरावट दिखाई. जिस तरह से Sensex और Nifty में लगातार गिरावट हुई और वे 1% की कमज़ोरी के साथ बंद हुए, उससे लगा कि 50% टैरिफ का डर बाज़ार ने करीब से महसूस किया है.

अतिरिक्त 25℅ Tariff का डर

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा भारतीय वस्तुओं पर कल से लागू होने वाले अतिरिक्त 25% टैरिफ के कारण जबरदस्त गिरावट आई, जिसमें एक्सपोर्ट से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में सांस फूलने लगी. बाज़ार में गिरावट के बाद BSE में लिस्टेड सभी शेयरों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण लगभग 6 लाख करोड़ रुपये घट गया. टैरिफ हटने की अंतिम समय में किसी भी राहत की उम्मीद टूटने के साथ निफ्टी लगभग 1% फिसल गया, क्योंकि Textile, फिशरीज, रत्न और आभूषण जैसे एक्सपोर्ट सेक्टर को लगभग कोई खरीदार नहीं मिला. टैरिफ ग्रोथ से प्रभावी दर दोगुनी होकर 50% हो जाती है.

मॉर्गन स्टेनली ने रिव्यू में बताया कि ट्रंप द्वारा Tariff को दोगुना करके 50% करने के कारण इंडियन Textile और परिधान निर्यातक अमेरिकी ऑर्डर निर्माण रोक रहे हैं, जिससे बांग्लादेश और वियतनाम जैसे देशों के मुकाबले उनकी प्रतिस्पर्धात्मकता पर गंभीर असर पड़ रहा है.

ये शेयर गिरे

कपड़ा कंपनियों के काउंटरों पर यह तबाही तेजी से फैली जिसके कारण काइटेक्स गारमेंट्स, पर्ल ग्लोबल, केपीआर मिल, बॉम्बे डाइंग और इंडो काउंट इंडस्ट्रीज के शेयर 3-5% तक गिर गए, जबकि अमेरिका से 40-70% राजस्व प्राप्त करने वाली वेलस्पन लिविंग, गोकलदास एक्सपोर्ट्स और ट्राइडेंट जैसी अमेरिका में कारोबार करने वाली बड़ी कंपनियों की स्थिति बुरी तरह से कमजोर हुई.

अमेरिका द्वारा टैरिफ को दोगुना करके 50% करने के कारण अकेले भारतीय समुद्री खाद्य निर्यात उद्योग को 24,000 करोड़ रुपये का संभावित नुकसान हो सकता है. इससे इक्वाडोर जैसे प्रतिस्पर्धियों की तुलना में भारत को भारी नुकसान होगा, जिससे निर्यातकों और संभावित रूप से किसानों को नुकसान होगा. झींगा निर्यातकों को तत्काल झटका महसूस हुआ, अवंती फीड्स और एपेक्स फ्रोजन फूड्स 1-2% गिर गए क्योंकि उनके अमेरिकी बाजार में हिस्सेदारी खतरे में थी.

बालकृष्ण इंडस्ट्रीज जो अमेरिका से 15% टायर वॉल्यूम प्राप्त करती है, 1% गिर गई. रामकृष्ण फोर्जिंग्स, जो उत्तरी अमेरिकी ऑर्डरों पर निर्भर है, 1% गिर गई. JK Tyre 2% गिर गया क्योंकि इसकी मैक्सिकन सहायक कंपनी को अमेरिका को निर्यात से संभावित नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. केवल Pharma और Electronics, जो भारत के अमेरिकी निर्यात का लगभग 30% हिस्सा हैं, अभी तक इससे मुक्त हैं.

FII पहले ही Indian Equity से 1.17 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं, जुलाई और अगस्त दोनों में नेट सेलिंग दबाव देखा गया है. यह सेलिंग अब और तेज़ हो सकती है और वे सेक्टर स्पेसिफिक बिकवाली जारी रख सकते हैं.

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