अमेरिका अपने उदात्त लोकतंत्र और खुले विचारों के लिए जाना जाता है। लेकिन हाल ही के चुनाव परिणाम बताते हैं कि वह पुरुषवादी रूढ़ियों से इस कदर जकड़ा है कि अबतक कोई महिला राष्ट्रपति के रूप में व्हाइट हाउस नहीं पहुंच सकी।
नेता के रूप में हिलेरी क्लिंटन की तरह कमला हैरिस को भी अमेरिकी समाज ने नकार दिया। आखिर क्यों अमेरिका को अभी भी एक महिला राष्ट्रपति नहीं मिल पाई? जानेंगे इस वीडियो में, तो जुड़े रहिए हमारे साथ!
235 साल के इस लोकतंत्र के इतिहास में कभी भी कोई महिला देश के सर्वोच्च पद पर नहीं पहुँच पाई। हाल ही में हुए अमेरिकी चुनावों में रिपब्लिकन पार्टी के डोनाल्ड ट्रंप ने जीत हासिल की और कमला हैरिस की राष्ट्रपति बनने की संभावना को खत्म कर दिया। कमला हैरिस, जो पहली महिला उपराष्ट्रपति रही हैं, उन्हें राष्ट्रपति बनने के लिए व्यापक समर्थन नहीं मिला।
कई सर्वे में युवा मतदाताओं ने यह तक कहा कि उन्हें कमला के बारे में ज्यादा जानकारी ही नहीं है। इस तरह का हाल देख कर यह सवाल उठता है कि क्या अमेरिका जैसे देश में लैंगिक भेदभाव और पितृसत्ता अभी भी प्रबल है?
इसके बरक्स डालते हैं भारत के अतीत पर नजर डालें तो इंदिरा गांधी अबतक की सबसे मजबूत और दृढ़ प्रधानमंत्री के तौर पर जानी जाती हैं। यद्यपि उनके बाद किसी भी दल ने प्रधानमंत्री के तौरपर किसी महिला चेहरे को सामने नहीं रखा।