Site icon SHABD SANCHI

America News: ट्रम्प के नए फैसलों को कैसे झेलेंगे भारत जैसे एशियाई बाजार

America News: अगर अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप चीन पर भारी टैरिफ लगाने के अपने वादे को पूरा करते हैं, तो कुछ एशियाई देशों को फायदा हो सकता है. ट्रंप के पहले कार्यकाल में भी कुछ एशियाई देशों को काफी लाभ मिला था. लेकिन इसी के साथ यह बेहद महत्वपूर्ण विषय है कि बाजार के तमाम जोखिम को भारत जैसे एशियाई बाजार कैसे झेलेंगे।

यह भी पढ़े :Retirement के बाद क्या करेंगे CJI DY Chandrachud ? जाने क्या है आगे का प्लान?

आपको बता दे कि जनवरी में अमेरिका के राष्ट्रपति बनने जा रहे डॉनल्ड ट्रंप ने आयात पर भारी टैक्स लगाने का वादा किया है. इसमें चीन को खासतौर पर निशाना बनाया जा सकता है. अगर वह इस वादे को पूरा करते हैं तो भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम आदि कुछ देशों को खासा फायदा हो सकता है. इसका कारण यह होगा कि कई फैक्ट्रियां चीन से हटकर एशिया के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित हो सकती हैं.

इसी के साथ कई विशेषज्ञों का कहना है कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार युद्ध से वैश्विक बाजार अस्थिर हो जाएगा, और इसका सबसे बड़ा असर भी एशिया पर ही पड़ेगा, जो वैश्विक विकास में सबसे ज्यादा योगदान देता है.

पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने जीता है राष्ट्रपति चुनाव

आपको बता दे कि पिछले हफ्ते ही ट्रंप ने पूर्ण बहुमत के साथ अमेरिका का राष्ट्रपति चुनाव जीता . उन्होंने अपने प्रचार के दौरान वादा किया था कि वह चीन से अमेरिका आने वाले सामान पर 60 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे , ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार में संतुलन स्थापित हो सके .

गौरतलब है कि इस पूरे मामले पर कई विशेषज्ञों की राय है कि राष्ट्रपति शायद इतनी ऊंची दर पर टिके नहीं रहेंगे. फिर भी, अगर ऐसा होता है तो इससे चीन की जीडीपी में 0.7 प्रतिशत से 1.6 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है. इसका कुछ असर दक्षिण-पूर्व एशिया में भी महसूस किया जाएगा, जहां की उत्पादन क्षमता सीधे चीन से जुड़ी हुई है और चीन का अच्छा खासा निवेश है.

ऑक्सफर्ड इकोनॉमिक्स के एडम अहमद समादीन के अनुसार, “चीन पर टैरिफ बढ़ने के कारण अमेरिकी मांग में कमी से आसियान देशों के निर्यात पर भी असर पड़ेगा, भले ही इन देशों पर सीधे अमेरिकी टैरिफ न लगे हों.”

अमेरिका से जुड़े है सभी देश

आपको बताते चले कि इंडोनेशिया विशेष रूप से संवेदनशील है, क्योंकि इसके खनिजों के निर्यात पर असर पड़ सकता है. इसके अलावा जापान, ताइवान और दक्षिण कोरिया भी प्रभावित होंगे, जहां चीन सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.

ट्रंप ने यह भी चेतावनी दी है कि वह सभी आयातों पर 10 से 20 प्रतिशत तक की दर से टैरिफ बढ़ा सकते हैं. यह उनकी संरक्षणवादी नीतियों का हिस्सा है क्योंकि उनका मानना है कि अन्य देश अमेरिका का फायदा उठा रहे हैं.

समादीन के अनुसार, “इन प्रभावों का दायरा इस पर निर्भर करेगा कि हर देश की अर्थव्यवस्था का अमेरिकी बाजार से कितना सीधा संपर्क है.” उन्होंने कहा कि अमेरिका कंबोडिया के 39.1 प्रतिशत, वियतनाम के 27.4 प्रतिशत, थाईलैंड के 17 प्रतिशत और फिलीपींस के 15.4 प्रतिशत निर्यात का हिस्सा है.

भारत पर कैसा रहेगा असर

ऑक्सफर्ड इकोनॉमिक्स की अर्थशास्त्री एलेक्जेंड्रा हरमन का मानना है कि भारतीय उत्पादों में चीनी हिस्सेदारी के कारण भारत भी ट्रंप के संरक्षणवादी उपायों का शिकार हो सकता है. नई दिल्ली स्थित ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अजय श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रंप भारत के ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, फार्मास्यूटिकल्स और वाइन सेक्टर पर ऊंचे टैरिफ लगा सकते हैं, जिससे भारतीय उत्पाद अमेरिकी बाजार में महंगे हो सकते हैं.

यह भी देखें :https://youtu.be/NGuDcnYK_SY?si=Ubnu9XvwtYAw7Mj9

Exit mobile version