नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पर अमेरिकी संसद (Congress) की एक रिपोर्ट आई है (US Congress Report On CAA) रिपोर्ट में CAA के कुछ प्रावधान संभावित रूप से भारत के संविधान का उल्लंघन कर सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक,ये एक्ट भारत में मुस्लिम आबादी के अधिकारों को भी खतरे में दाल सकता है.
ताजा रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस की इंडिपेंडेंट रिसर्च विंग-कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस (CRS)- ने पब्लिश की है. CRS आधिकारिक तौर पर कांग्रेस के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करता, लेकिन कांग्रेस को किसी मुद्दे पर फैसला लेने में मदद करने के लिए रिपोर्ट तैयार करके देता है.
CAA वाली रिपोर्ट में क्या है?
CAA के प्रमुख भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों का उल्लंघन कर सकते हैं. चिंता की बात है कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के साथ मिलकर CAA भारत की मुस्लिम आबादी के अधिकारों को खतरे में डाल सकता है.
CAA को BJP के चुनाव अभियान के बीच लागू किया गया है और कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि ये टाइम मुख्य तौर पर राजनीती से प्रेरित है.
CAA को केवल विशेष धर्मों के सदस्यों की सुरक्षा के लिए डिजाइन किया गया है. दूसरों को इससे बहुत कम सहारा होगा।
CAA भारत के धर्मनिरपेक्ष लोकाचार को कमजोर करता है और एक जातीय लोकतंत्र स्थापित करता है, जो हिन्दू समुदाय को राष्ट्र को बराबर मानता है और बाकियों को सेकंड क्लास दर्जा देता है.
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भी CAA की अधिसूचना को लेकर चिंता व्यक्त की थी और कहा था कि वो विवादस्पद कानून की बारीकी से निगरानी कर रगा है. हालांकि भारत का कहना है कि CAA का उद्देश्य मुख्य रूप से नागरिकता देना है. केंद्र ने आश्वासन दिया था कि कानून के जरिये देश का कोइ भी नागरिक अपनी नागरिकता नहीं खोयेगा।
क्या है CAA?
CAA,1955 के नागरिकता अधिनियम को संशोधित करता है. संसद में मंजूरी मिलने के लगभग चार साल इसे मार्च 2024 में लागू किया गया. CAA अफ़ग़ानिस्तान, बंगलादेश और पकिस्तान के हिन्दू, सिख,जैन,पारसी, बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले प्रवासियों के लिए है. वो लोग जो 31 दिसम्बर,2014 या उससे पहले अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के चलते भारत आए थे. ये कानून उन्हें भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने की अनुमति देता है.