रीवा । राही पब्लिकेशन द्वारा 23 मार्च को नई दिल्ली के वी के कृष्ण मेनन हॉल में आयोजित स्पॉट लाइट नेशनल अवार्ड के अंतर्गत 2025 का भारतीय लेखन सम्मान, वरिष्ठ रंगकर्मी, लेखक और निर्देशक आलोक शुक्ला को प्रदान किया गया। इस सम्मान को AAFT विश्वविद्यालय के कुलपति, मारवाह स्टूडियो के चेयरमैन संदीप मारवाह ने लेखक इंद्रजीत शर्मा, स्पॉटलाइट के MD जय सिंह, राही पब्लिकेशन के MD और मारवाह स्टूडियो के ब्रॉडकास्टिंग डायरेक्टर सुशील भारती, सुश्री विभा शर्मा और सुश्री तनेजा आदि की गरिमामई उपस्थित में प्रदान किया ।
बता दें कि आलोक शुक्ला पिछले करीब चार दशकों से लेखन एवं रंगकर्म कर रहे हैँ। इस दौरान आपने 46 नाटकों के करीब 600 शोज किए, एक दर्जन नाटकों के निर्देशन के साथ 14 मंच नाटकों और 6 रेडियो नाटकों, 22 कहानियों और सैकड़ों कविताओं का लेखन किया है। आपने नाटकों के साथ , टी वी धारावाहिकों और फ़िल्मों में भी लेखन एवं अभिनय किया हुआ है। इस कड़ी में थिएटर लीजेंड हबीब तनवीर, सागर सरहदी, शिवदास घोड़के, रंजीत कपूर,राजीव राज, अनवार सिद्दकी, अहमद जैदी,योगेश त्रिपाठी, प्रो. सतीश मेहता, अमोल पालेकर, बासु चट्टरजी , सत्यदेव दुबे आदि के साथ काम किया।
आलोक शुक्ला का सबसे पहला नाट्य संग्रह 2021 राही पब्लिकेशन से “ख्वाबों के सात रंग” आया जबकि वे गंभीर रूप से बीमार थे। इसके बाद उनके दो नाट्य संग्रह ‘पंचरंग’ एवं ‘अजीब दास्तां’ और एक रंग संस्मरण “एक रंगकर्मी की यात्रा” इंडिया नेटबुक्स से तथा एक काव्य संग्रह “अफ़सोस की ख़बर” ज्ञानमुद्रा प्रकाशन से आया।
गौरतलब है कि जून 2020 से वे GBS पैरालिसिस से पीड़ित हो गए थे लेकिन अपनी बीमारी से पूरी तरह रिकवर्ड न होने के बावजूद पिछले साल 22 जनवरी को LTG सभागार नई दिल्ली में स्वयं द्वारा लिखित, निर्देशित और अभिनीत द्वि पात्रीय नाटक “उसके साथ” में परफॉर्म किया जो संभवतः पूरी दुनिया में पहली बार किसी GBS पेशेंट का परफॉर्मेंस होगा। इसके बाद वे लगातार ख़्वाब, उसके साथ, बन्ने की दुल्हनिया, दिगदर्शक और आगरा बाज़ार नाटकों में देश भर में प्रदर्शन करने के साथ नाट्य लेखन में लगे हुए हैं। जहाँ अभी हाल ही उनके नये नाट्य संग्रह अजीब दास्तां का भव्य लोकार्पण राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय नई दिल्ली में हुआ था। इसके पूर्व उन्हें इंडिया नेटबुक्स नाट्य रत्न सम्मान और सीनियर फेलोशिप अवॉर्ड प्राप्त हो चुके हैँ और अब आपको 2025 का राही पब्लिकेशन का अखिल भारतीय लेखन सम्मान प्रदान किया गया।