30 September Madhavrao Scindia Death Anniversary | एक अपराजेय योद्धा जिसे, सिर्फ मौत ही मात दे पायी.!

Madhavrao Scindia Death Anniversary | Author: Jayram Shukla | देश में जब भी एक संजीदा और कर्तव्यनिष्ठ राजनेता की चर्चा चलेगी उसमें एक नाम होगा स्वर्गीय माधवराव सिंधिया जी का।... Read More

दोमुंहे सांप की कलेजी! सांच कहै ता: जयराम शुक्ल

आलेख: जयराम शुक्ल | भैय्याजी हाल ही में चार धाम की तीर्थयात्रा और गंगाजी में पितरों का तर्पण करके लौटे।देवस्थानों में कुछ न कुछ छोड़ने का संकल्प लेने का दस्तूर... Read More

भारतीय लोकतंत्र के लिए कठमुल्लापन जहर है ~डॉ.रामानुज पाठक

डॉ. रामानुज पाठक | कठमुल्लापन एक प्रकार की सोच या व्यवहार है ,जिसमें व्यक्ति अपने विचारों और मान्यताओं को बहुत कठोरता से पकड़ता है और दूसरों के विचारों और मतों... Read More

शांति के लिए शिक्षा, आज की आवश्कता ~डॉक्टर रामानुज पाठक

डॉक्टर रामानुज पाठक | शांति के लिए शिक्षा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जो विद्यार्थियों को शांति, सहानुभूति, और सामाजिक न्याय के मूल्यों को सिखाती है। इसका उद्देश्य विद्यार्थियों को... Read More

भारतीय परिदृश्य में रोजगारोन्मुखी शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व ~ डॉ.रामानुज पाठक

शिक्षा पूर्ण मानव क्षमता को प्राप्त करने एक न्याय संगत और न्याय पूर्ण समाज के विकास और राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने के लिए मूलभूत आवश्यकता है ।गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक... Read More

अब चड्ढी पहन के फूल नहीं खिलते! FT. जयराम शुक्ल

अब चड्ढी पहन के फूल नहीं खिलते!सांची कहै ता/जयराम शुक्ल ..जंगल जंगल बात चली है पता चला है,अरे चड्ढी पहनके फूल खिला हैफूल खिला है। •गुलजार लेख: जयराम शुक्ल |... Read More