All India Literary Conference organized in Rewa: रीवा शहर जल्द ही साहित्यिक गतिविधियों का एक प्रमुख केंद्र बनने जा रहा है। अखिल भारतीय साहित्य परिषद का तीन दिवसीय अखिल भारतीय अधिवेशन 7, 8 और 9 नवंबर को कृष्णा राज कपूर ऑडिटोरियम और रोटरी भवन में आयोजित किया जाएगा। यह रीवा के इतिहास में किसी भी साहित्यिक संगठन का आयोजित होने वाला पहला राष्ट्रीय अधिवेशन है। इस भव्य आयोजन में देश के कोने-कोने से विभिन्न भाषाओं और बोलियों के 1000 से अधिक साहित्यकार जिनमें मातृशक्ति, युवा और वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हैं सहभागिता करेंगे। इस अधिवेशन का सबसे खास आकर्षण भारत के पूर्व राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद का मुख्य अतिथि के रूप में आगमन होगा। उनका यह आगमन सांस्कृतिक एकता और साहित्यिक चिंतन को एक नई ऊँचाई देगा। अधिवेशन संयोजक चंद्रकांत तिवारी और प्रांत महामंत्री महा कौशल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह आयोजन रीवा के लिए सौभाग्य की बात है और यह संपूर्ण भारत का ‘अलौकिक दृश्य’ प्रस्तुत करेगा। कुल 1200 पंजीकरणों में से 1000 प्रतिनिधि देश के कोने-कोने से रीवा आ रहे हैं।
तीन दिन का विस्तृत कार्यक्रम:
- 7 नवंबर (उद्घाटन):
- दोपहर 3 बजे अधिवेशन का उद्घाटन होगा।
- शाम 5:30 बजे रीवा के प्रमुख मार्गों से एक भव्य शोभा यात्रा निकाली जाएगी।
- रात में कवि सम्मेलन और क्षेत्रीय सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा, जिसमें बुंदेलखंडी संस्कृति को दर्शाया जाएगा। इसमें रामचरितमानस के दोहे पाठ, ऋतु गीत, लोकगीत और अहिरवाई लोक नृत्य शामिल होंगे।
- 8 नवंबर (सर्व भाषा सम्मेलन):
- रात में सर्व भाषा कवि सम्मेलन का आयोजन होगा, जहाँ देश की विविध बोलियों के साहित्यकार अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे।
- इस आयोजन में 20 से अधिक पद्म भूषण और पद्म विभूषण पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार भी शिरकत करेंगे।
- विषय केंद्रित चर्चा: 1966 में स्थापित यह राष्ट्रवादी साहित्यिक संगठन ‘भारतीय साहित्य में आस्था तत्व’ जैसे गहन विषयों पर चर्चा करेगा।
अतिथियों के लिए व्यापक व्यवस्था
आयोजकों ने देश भर से आने वाले साहित्यकारों के लिए विस्तृत व्यवस्था की है। सतना से विशेष वाहन, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से पिक एंड ड्रॉप सुविधा दी जाएगी। आवास के लिए सरस्वती स्कूल (निराला नगर और जेल मार्ग), अवध प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस और छात्रावास में व्यवस्था की गई है। पत्रकारों के लिए अलग मीडिया कक्ष, तीन-चार दिनों की भोजन व्यवस्था और साहित्यकारों से बातचीत के लिए विशेष सत्र भी आयोजित किए जाएंगे। रीवा के साहित्य प्रेमी इस ऐतिहासिक आयोजन को लेकर बेहद उत्साहित हैं, जो शहर की सांस्कृतिक धरोहर को एक नई पहचान देगा।
