Sambhal Jama Masjid News : यूपी में उपचुनाव के नतीजों को लेकर राजनीतिक दलों में तनाव है। वहीं, संभल में शाही मस्जिद के सर्वे को लेकर तनाव जारी है। इस बीच, संभल की जामा मस्जिद की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। दरअसल, आज जुमे की नमाज है, जिसे देखते हुए पुलिस और प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। किसी भी बवाल को रोकने के लिए मस्जिद के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। माहौल को बिगड़ने से रोकने के लिए पूरे इलाके की ड्रोन से निगरानी की जा रही है।
मस्जिद पर सात थानों का पुलिस बल तैनात। Sambhal Jama Masjid News
तनाव को देखते हुए इलाके में मस्जिद के पास आरएएफ और पीएसी ने फ्लैग मार्च निकाला। इसके अलावा सुरक्षा व्यवस्था में सात थानों का पुलिस बल तैनात किया गया है। वहीं, मस्जिद की ओर जाने वाले 3 में से 2 रास्तों को भी बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही मस्जिद के रास्ते पर सीसीटीवी की मदद से सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है। जुमे की नमाज को लेकर धारा 144 लागू कर दी गई है। लोगों को किसी भी जगह इकट्ठा होने की इजाजत नहीं है। किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने के लिए सोशल मीडिया पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है। जामा मस्जिद का सर्वे।
मंदिर तोड़ मस्जिद बनाने का दावा।
दरअसल, संभल में जामा मस्जिद पर 19 नवंबर को कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे कराया गया था, जिसके बाद पूरे इलाके में तनाव बढ़ गया है। आपको बता दें इस मामले पर हिन्दू धर्म के लोगों का दावा है कि भगवान शिव का मंदिर (हरिहर मंदिर) को तोड़कर मस्जिद बनाई गई है, जिसका मुस्लिम पक्ष विरोध कर रहा है। पूरे मामले को लेकर संभल के एसपी का कहना है कि अगर कोई शांति भंग करने या अराजकता फैलाने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। एसपी ने कहा, “मौलवी लोगों को यह भी संदेश देना चाहिए कि सभी अपनी-अपनी मस्जिदों में नमाज अदा करें।
आखिर क्या है पूरा मामला? Sambhal Jama Masjid News
दरअसल, संभल जिले की एक कोर्ट के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वे कराया गया। दावा है कि यह मस्जिद एक मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिए ‘एडवोकेट कमीशन’ बनाने का निर्देश दिया है। हाइकोर्ट ने कहा है कि एक आयोग बनाकर मस्जिद की वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वेक्षण कराया जाए और कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल की जाए।
मान्यताओं के अनुसार यह होगा कल्कि अवतार।
आपको बता दें कि हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार दशावतार में से कल्कि का अवतार यहीं होना है। बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़कर मस्जिद बनाने की कोशिश की थी। यह एएसआई द्वारा संरक्षित क्षेत्र है। इसमें किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं किया जा सकता।’ विष्णु शंकर जैन ने कहा था, ‘वहां कई निशान और चिह्न हैं जो हिंदू मंदिर के हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए कोर्ट ने यह आदेश जारी किया है।