Indore News: इंदौर में फिर लगे अक्षय बम के पोस्टर, कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप

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Akshay Bomb poster: शहर कांग्रेस द्वारा सोमवार 17 जून को सुबह विश्वविद्यालय पर हल्ला बोल पोल-खोलो अभियान की शुरुआत की गई। कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया साथ ही अक्षय बम के पोस्टर भी लगाए। कांग्रेस शहर भर के कॉलेजों में ये अभियान चलाकर पेपर लीक कांड पर अक्षय बम के कॉलेज पर कड़ी कार्रवाई न करने को लेकर विरोध करेगी।

Akshay Bomb poster: इंदौर में सोमवार 17 जून से कांग्रेस ने एक बार फिर भाजपा नेता अक्षय बम के पोस्टर लगा दिए हैं। पोस्टर में सवाल पूछा गया है कि साइकिल पर चलने वाला करोड़पति कैसे बना। कांग्रेसियों ने विरोध जताते हुए सरकार से उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बता दें कि बम के आयडलिक कॉलेज के स्टाफ का नाम DAVV के एमबीए के पेपर लीक से जुड़ा है।

शहर कांग्रेस द्वारा सोमवार 17 जून को सुबह विश्वविद्यालय पर हल्ला बोल पोल-खोलो अभियान की शुरुआत की गई। कार्यकर्ताओं ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया साथ ही अक्षय बम के पोस्टर भी लगाए। कांग्रेस शहर भर के कॉलेजों में ये अभियान चलाकर पेपर लीक कांड पर अक्षय बम के कॉलेज पर कड़ी कार्रवाई न करने को लेकर विरोध करेगी। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डीएवीवी परिसर के अलावा बस स्टैंड, रीगल चौराहा, ई-रिक्शा, रेलवे स्टेशन बसों पर यह पोस्टर लगाए हैं।

साइकिल से चलने वाला व्यक्ति करोड़पति कैसे बन गया: कांग्रेस

इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के कार्यवाहक अध्यक्ष देवेंद्र सिंह यादव ने आरोप लगाते हुए कहा कि शिक्षा को अवैध धंधा बनाने वाले शिक्षा माफिया के खिलाफ देवी अहिल्या विश्वविद्यालय पर काली पट्टी बांधकर हल्ला बोल पोल खोलो अभियान चलाया गया। आयडलिक कॉलेज के संचालक अक्षय बम साइकिल से चलते थे। कुछ ही वर्षों में करोड़पति कैसे बने? 15 लाख की घड़ी पहनने के साथ ही वे बड़ी लग्जरी गाड़ियों में चलते हैं. यादव ने आगे कहा कि कॉलेज की मान्यता निरस्त नहीं करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन, कुलपति, कार्यपरिषद सदस्य, उच्च शिक्षा आयुक्त भी इसमें दोषी हैं।

कांग्रेस ने कुलपति-रजिस्ट्रार और आयुक्त पर भी लगाए आरोप

मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोमवार 17 जून को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के एमबीए पेपर लीक मामले को लेकर प्रेस कांफ्रेंस की। कांग्रेस प्रवक्ता मृणाल पंत ने आरोप लगाते हुए कहा कि कुलपति और रजिस्ट्रार इस पेपर घोटाले में मिले हुए हैं और यह व्यवस्थागत भ्रष्टाचार है। जब विश्वविद्यालय के पास MBA का हूबहू पेपर था, तो अगले दिन परीक्षा आयोजित क्यों की गई।

उन्होंने कहा कि जब पेपर लीक कांड हुआ तो 14 साल बाद उच्च शिक्षा आयुक्त का यूनिवर्सिटी की कार्यपरिषद बैठक में आना हुआ। उम्मीद थी कि वे दोषियों को सज़ा दिलाने के आदेश देंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मोहन यादव से सवाल पूछा है कि आपने उच्च शिक्षा आयुक्त को पेपर लीक के घोटाले पर पर्दा डालने के लिए इंदौर भेजा था क्या?। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे, पूर्व विधायक रवि जोशी व अन्य उपस्थित थे।

कुलपति-रजिस्ट्रार को हटाने की उठी मांग

मामले में देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के कुलपति और रजिस्ट्रार को हटाने की मांग की है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ओवरऑल जिम्मेदारी दोनों की है। इनकी जांच होनी चाहिए कि ये अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में असफल कैसे हो गए। पूर्व ईसी मेंबर चौरडिया ने मुख्यमंत्री को चिट्‌ठी लिखकर मांग की है कि इन्हें छुट्‌टी पर भेज मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए।

पिछले महीने लीक हुए थे दो पेपर

बता दें एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर का 25 और 28 मई को होने वाला पेपर लीक हो गया था। शिकायत के बाद देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। जिस पर भाजपा नेता अक्षय बम के आयडलिक कॉलेज के कम्प्यूटर ऑपरेटर और दो छात्रों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। कॉलेज प्रिंसिपल की ऑफिस से कम्प्यूटर ऑपरेटर ने ही पेपर लीक किया था। इसके बाद मामले की जांच कर 5 लाख की पेनल्टी लगाई।

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