UP News: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद आत्ममंथन का दौर जारी है. पार्टी के भीतर एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है. केशव प्रसाद मौर्या एक्टिव है. इन दिनों उनके तेवर बगावती लग रहे है. इन सब के बीच अखिलेश यादव ने एक ऐसी बात कह दी है जिससे यूपी में सियासत और तेज हो गई है।
उत्तर प्रदेश भाजपा में चल रही तना तनी के बीच उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर एक बड़ा मॉनसूनी ऑफर दे दिया है. उन्होंने कहा है कि सौ लाओ , सरकार बनाओ। इस बयान के बाद उत्तर प्रदेश की राजनीति का माहौल गर्म हो गया है. आपको बता दे कि इससे पहले भी अखिलेश उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कई ऑफर दें चुके है. अब ये देखना होगा कि भाजपा इसका जवाब कैसे देंगी।
बीजेपी में लगातार गहराता विवाद
लोकसभा चुनाव 2024 के बाद से उत्तर प्रदेश भाजपा में लगातार विवाद गहराया हुआ है। पार्टी के भीतर नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बगावती तेवर दिखा रहे है. पार्टी को चुनाव में मात्र 33 सीटों पर जीत मिली। वहीं, विपक्षी गठबंधन इंडिया ने 43 सीटों पर जीत दर्ज की। समाजवादी पार्टी यूपी की राजनीति में नंबर वन बन गई है।
पार्टी को 37 सीटों पर जीत मिली। सहयोगी कांग्रेस 6 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुई। इसके बाद से लगातार भाजपा में मंथन का दौर जारी है। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बैठकों का दौर चल रहा है। समीक्षा रिपोर्ट के आधार पर चुनाव में हुई खामियों का अनुमान लगाया जा रहा है. इन सब के बीच अनुमान लगाया जा रहा है की यूपी में कुछ बड़े फेरबदल किये जा सकते है. इन सब के बीच केशव प्रसाद मौर्य ने सरकार से बड़ा संगठन को बताया जिसके बाद से यूपी का सियासी पारा और बढ़ गया।
प्रदेश में संगठन बड़ा या सरकार इस मुद्दे पर बहस शुरू हो गयी है. अब भाजपा के भीतर चल रहे अंदरूनी कलह के बीच सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बड़ी सियासी चाल चली है।
यूपी में खूब हो रही है राजनीति
यूपी बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने प्रदेश में पार्टी की हार की वजहों से संबंधित रिपोर्ट प्रधानमंत्री से लेकर पार्टी अध्यक्ष तक सौंप चुके हैं। इस दरम्यान प्रदेश में कार्यकर्ताओं की स्थिति की भी खूब चर्चा की गई है। मामले में पार्टी आलाकमान सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक कर सकती है। वहीं,विपक्षी दल भाजपा को अब संतुलित नहीं होने देने की रणनीति पर आगे बढ़ते दिख रहे हैं। अखिलेश यादव के बयान को भी इसी नजरिए से देखा जा रहा है। वहीं, केशव प्रसाद मौर्य की नाराजगी को भी इससे जोड़कर देखा जा रहा है।
यूपी बीजेपी के दो बड़े नेता केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी को अचानक दिल्ली बुलाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया. लोकसभा चुनाव में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद 10 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव भाजपा के लिए काफी अहम हैं. पार्टी के अंदर ऐसी बयानबाजी के चलते भाजपा अपने विपक्ष को कोई भी मौका नहीं देना चाहती है.