आज BSP सुप्रीमों मायावती (Mayawati) का जन्मदिन है. उन्होंने अपने जन्मदिन के इस अवसर पर एक बड़ा एलान किया है. उन्होंन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि आने वाले आम चुनाव में BSP किसी भी गठबंधन के साथ चुनाव में नहीं उतरेगी। अपने इस एलान के बाद उन्होंने सपा अध्यक्ष पर जमकर हमला बोला ओर कहा कि अखिलेश यादव गिरगिट की तरह रंग बदलते हैं और रंग बदलने वालों से सावधान रहना चाहिए।
मुफ्त राशन से लोगों को गुलाम बनाया
मायावती ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले सभी पत्रकारों को धन्यवाद किया। फिर उन्होंर कहा कि पिछली चार बार की सरकारों के दौरान हमने सर्वजन हिताय और सर्वजन सुखाय के लिए काम किया। इसके बाद की जो भी सरकार आई वो बस हमारे योजनाओं का नकल कर लोगों को भुलाने में लगी है. इसके बावजूद जातिवादी, पूंजीवादी, व संकीर्ण सोच की वजह से लोगों को इन योजनाओं का पूरा लाभ नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि इस समय केंद्र और राज्य की सरकार दोनों ही लोगों को मुफ्त राशन देकर अपना गुलाम बना रही है. अपने बातों को आगे बढ़ाते हुए BSP सुप्रीमों ने कहा कि, देश में इन दिनों धर्म और संस्कृति की राजनीति की जा रही है जिससे भारतीय लोकतंत्र और संविधान कमजोर पड़ेगी।
अकेले चुनाव लड़ेगी BSP
मायावती (Mayawati) ने कहा कि विरोधी पार्टियों की सरकार में दलितों का पूरा विकास कभी नहीं हो सकता। देश भर में एससी-एसटी और अन्य वर्गों को सरकारी नौकरियों में दिए जाने वाले आरक्षण का पूरा फायदा नहीं मिल रहा है. अन्य और भी कई मामलों में दयनीय स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि हाल ही में विपक्ष के I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर जिस प्रकार से सपा मुखिया ने बीएसपी के लोगों के बीच भ्रम फैलाने के उद्देश्य से गिरगिट की तरह रंग बदला है, उससे बहुजनों को सावधान रहना चाहिए। मायावती ने कहा की, आगामी लोकसभा चुनाव बसपा अकेले अपने दम पर लड़ेगी। गठबंधन में चुनाव लड़ने पर साथ के ही पार्टियों को फायदा पहुँचता है इसलिए हम अकेले चुनाव लड़ेंगे।
बंद हो सकता है EVM सिस्टम
EVM के मशले पर भी उन्होंने अपनी बात रखी और कहा कि EVM के खिलाफ अवाजें उठने लगी है. ऐसे में इस सिस्टम को खत्म किया जा सकता है. इसलिए पार्टी का जनाधार बढ़ाना बहुत जरुरी है. साथ ही गठबंधन को लेकर पार्टी का मानना है कि इस मामले में अभी तक का अनुभव रहा है कि गठबंधन से BSP को फायदा कम और नुकसान ज्यादा हुआ है और वोट प्रतिशत भी लगातार घटता जा रहा है. हमारे साथ जो भी पार्टियां गठबंधन करती है उन्हें ज्यादा फायदा होता है. यही वजह है कि ज्यादार राजनितिक दल बसपा के साथ गठबंधन करना चाहती है.