Akhilesh Yadav Bhimrao Ambedkar Photo Controversy: सोशल मीडिया में सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के प्रति काफी गुस्सा देखने को मिल रहा है. कथित संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर उर्फ़ बाबा साहब (Bhimrao Ambedkar Aka Baba Sahab) के समर्थक अखिलेश यादव को कोस रहे हैं और उनके बारे में ऊल-जलूल बातें लिख रहे हैं. दरअसल मामला भीमराव अंबेडकर की एक एडिटेड तस्वीर को लेकर है. जिसमे आधे भीमराव दिखाई दे रहे हैं और आधे अखिलेश यादव। ये तस्वीर के सपाई कार्यकर्ता ने अखिलेश यादव को उपहार में दी थी. इस तस्वीर से यह साफ़ झलकता है कि सपा कार्यकर्ता अखिलेश यादव की तुलना बाबा साहब से कर रहा है और यही विवाद का कारण है.
सोशल मीडिया में लोग अखिलेश यादव को माफ़ी मांगने के लिए कह रहे हैं. लोगों का कहना है कि Akhilesh Yadav और उन्हें ऐसी तस्वीर देने वाले सपाई कार्यकर्ता लाल चंद गौतम (Lal Chand Gautam) के खिलाफ FIR दर्ज की जानी चाहिए।
बीजेपी ने बनाया मुद्दा
इस समय देश में यह साबित करने की होड़ मची है कि कौन कितना बड़ा अम्बेडकरवादी है. राजनीतिक पार्टियां पहले ऐसा मोहनदास करमचंद गांधी के लिए किया करती थीं. अखिलेश यादव की इस तस्वीर को लेकर बीजेपी ने भी मुद्दा बनाया है. उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लोग इसे बाबा साहब का अपमान बताकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा- समाजवादी पार्टी के पोस्टर में बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर जी और अखिलेश यादव का मिला चेहरा दिखाना उनका घोर अपमान है। अखिलेश भूल रहे हैं कि बाबा साहब को 1952 और 1953 में हराने में कांग्रेस की ही भूमिका थी, और आज वे उसी कांग्रेस के साथ होकर ऐसा निंदनीय कृत्य कर रहे हैं। ओबीसी आरक्षण के ये कथित समर्थक भूल जाते हैं कि राजीव गांधी ने लोकसभा में ओबीसी आरक्षण का खुलकर विरोध किया।
खैर इस मामले में सपा अभी डैमेज कंट्रोल करने में लगी हुई है. अखिलेश यादव इस बारे में कुछ बोल नहीं रहे हैं. लेकिन बाबा साहब के समर्थकों की नज़रों में अखिलेश यादव सिर्फ एक अवसरवादी नेता बन गए हैं. दिनभर PDA-PDA करने वाले अखिलेश अब PDA के ही निशाने में हैं.