ये तो पूरी दुनिया को मालूम है कि अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump ) दुनिया के सबसे रईस आदमी Elon Musk के बेस्ट बड्डी हैं. उन्होंने अपनी सरकार ने Musk को बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है जिसका नाम है DOGE यानी Department Of Government Efficiency. एलोन मस्क इस डिपार्टमेंट के करता-धरता हैं और उन्हें DOGE को चलाने और अपनी मनमर्जी करने की खुली आज़ादी है.
मस्क भारतीयों और भारतीय मूल के लोगों के हुनर को पहचानते हैं, वक़्त-वक़्त पर वह ये बात जाहिर भी करते हैं और समय आने पर खुलकर सपोर्ट भी करते हैं. मस्क ने हाल ही में अपने डिपार्टमेंट में एक भारतीय मूल के यंगस्टर को बड़ा काम सौंपा है जिसे उसकी उम्र को लेकर कोसा जा रहा है। क्योंकी उसे उसकी उम्र के हिसाब से कुछ ज्यादा ही बड़ी जिम्मेदारी दे दी गई है. मस्क ने 19 से 24 वर्ष की उम्र के 6 इंजीनियर्स को भर्ती किया है जिसमे एक भारतीय मूल के आकाश बोब्बा (Akash Bobba) हैं. इन इंजीनियर्स को संवेदनशील सरकारी सिस्टम तक असाधारण पहुंच प्रदान की गई है. इसी को लेकर काफी विवाद भी हो रहा है. सरकारी रिकॉर्ड्स के मुताबिक आकाश बोब्बा को ऑफिस ऑफ पर्सनल मैनेजमेंट (OPM) में ‘एक्सपर्ट’ के तौर पर नियुक्त किया गया है.
Akash Bobba सीधे अमांडा स्केल्स (Amanda Scales) को रिपोर्ट करते हैं. स्केल्स नव नियुक्त चीफ ऑफ स्टाफ हैं. वो एलन मस्क की AI कंपनी xAI के लिए पहले हायरिंग करते थे. इस वजह से बोब्बा के अपॉइंटमेंट को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. बोब्बा के अलावा DOGE में एडवर्ड कोरिस्टीन, ल्यूक फैरिटोर, गौटियर कोल किलियन, गैविन क्लिगर और एथन शाओट्रान को हायर किया गया है.
कौन हैं आकाश बोब्बा
Who Is Akash Bobba: आकाश बोब्बा की उम्र भले कम है लेकिन ये इंसान एक बड़ी चीज़ है, इनका एकेडमिक्स में इतना तगड़ा बैकग्राउंड है कि बड़े बड़े मठाधीश इनके सामने छात्र हैं. आकाश,UC Berkeley के प्रतिष्ठित मैनेजमेंट, आंत्रप्रेन्योरशिप और टेक्नोलॉजी प्रोग्राम का हिस्सा थे. आकाश के पास META , पलांटिर और प्रसिद्ध हेज फंड ब्रिजवाटर एसोसिएट्स सहित कई प्रमुख टेक कंपनियों में इंटर्नशिप करने का एक्सपीरियंस है. बोब्बा के पास AI, डेटा एनालिटिक्स और फाइनेंशियल मॉडलिंग में भी एक्सपर्टीज़ है.
तो बोब्बा से दिक्क्त क्या है?
मस्क ने कम उम्र के लोगों को बड़ी जिम्मेदारी दी इसी लिए सरकारी तंत्र में इन युवा इंजीनियर्स की पहुंच के स्तर को लेकर चिंताएं सामने आई हैं. WIRED ने बताया कि इनमें से बोब्बा, कोरिस्टीन, फैरिटोर और शाओट्रान के पास GSA में टॉप लेवल क्लीयरेंस है. जिससे उनके पास सभी फिजिकल और IT सिस्टम तक का एक्सेस है. यही नहीं, आलोचकों का तर्क है कि प्रमुख सरकारी पदों पर युवा और अनुभवहीन व्यक्तियों की उपस्थिति नियामक नियंत्रण और निगरानी के बारे में चिंताएं पैदा करती है.
मिशिगन यूनिवर्सिटी में पब्लिक पॉलिसी के प्रोफेसर डॉन मोयनिहान ने WIRED को बताया,
“ये चौंकाने वाला है कि ऐसे व्यक्ति जो वास्तव में पब्लिक ऑफिशियल नहीं हैं, वो सरकार के सबसे संवेदनशील डेटा तक पहुंच बना रहे हैं.”
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) के पास हस्तक्षेप करने या जो कुछ हो रहा है उसकी निगरानी करने की कोई वास्तविक क्षमता नहीं है.