आकांक्षी युवा: मध्य प्रदेश में बेरोजगारी का आलम किसी से छिपा नहीं है. यहां रोजगार पोर्टल में 30 लाख से ज्यादा शिक्षक युवा दर्ज हैं जिन्हे नौकरी की तलाश है, साफ़ साफ़ कहें तो वे बेरोजगार हैं. सरकार बेरोजगारों को काम तो नहीं दे पा रही लेकिन उन्हें नया नाम जरूर दे दिया है। जैसे समाज में विकलांगों को दिव्यांग कहा जाता है क्योंकी विकलांग शब्द सुनने में अच्छा नहीं लगता इसी तरह प्रदेश सरकार ने बेरोजगारों को अब आकांशी युवा कहना शुरू कर दिया है. ये वही बात हो गई कि अंग्रेजी में इन्हे Unemployed न कहकर Aspirant कह दिया जाए. हालांकि आप बेरोजगारों को आकांक्षी कहें या महत्वकांक्षी वो तबतक बेरोजगार ही कहलाएंगे जबतक उन्हें नौकरी नहीं मिलती।
आकांक्षी युवा कहलाएंगे बेरोजगार
बेरोजगारों को आकांशी युवा नाम देने के पीछे सरकार का तर्क है कि यह बदलाव युवाओं के मनोबल को बढ़ाने के लिए किया गया है, किसी को बेरोजगार कहना अच्छा नहीं लगता इसी लिए उन्हें अब से आकांक्षी कहा जाएगा। वैसे सिंपल सी बात है बेरोजगारों का मनोबल बढ़ाना है तो उन्हें नए नाम की नहीं काम देने की जरूरत है.
विपक्ष अब मजे ले रहा
प्रदेश सरकार के इस फैसले की खिल्ली उड़ाई जा रही है. कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और पूरा विपक्ष मध्य प्रदेश सरकार के इस निर्णय पर हंस रहा है.
लोग सोशल मीडिया में मध्य प्रदेश सरकार का मजाक उड़ाते हुए लिख रहे हैं कि एमपी सरकार ने एक झटके में बेरोजगारों की समस्या का समाधान कर दिया है. अब मध्य प्रदेश में कोई भी बेरोजगार नहीं रह गया है. वैसे सवाल ये है कि अगर बेरोजगार को आकांशी युवा कहा जाएगा तो बेरोजगारी को सरकार क्या बोलेगी?