Air India plane crash Report : अहमदाबाद में 12 जून 2025 को हुए भीषण एयर इंडिया विमान हादसे की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे हुए हैं, जिसमें पायलट के बीच की बातचीत से हादसे की सही वजह सामने आई। रिपोर्ट के अनुसार, हादसे का कारण विमान के दोनों इंजन का अचानक बंद होना था। टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद हुई, जब विमान के दोनों इंजन एक के बाद एक बंद हो गए थे। दोनों पायलट एक दूसरे से बातचीत कर रहें हैं कि इंजन किसने बंद किया? जिससे यह स्पष्ट हो गया कि हादसे के दौरान इंजन फ्यूल बंद था।
दोनों पायलटों की बातचीत से बड़ा खुलासा
एयर इंडिया के इस हादसे के ठीक एक महीने बाद, 12 जुलाई को एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने कुल 15 पेज की रिपोर्ट सार्वजनिक की है। इस रिपोर्ट में कई अहम बातें सामने आई हैं, जिनसे हादसे की पूरी तस्वीर साफ हो गई है। रिपोर्ट में विमान के कॉकपिट की आवाज रिकॉर्डिंग का हवाला दिया गया है, जिसमें हादसे से पहले पायलटों के बीच हुई महत्वपूर्ण बातचीत का जिक्र है। कॉकपिट की रिकॉर्डिंग में एक पायलट ने दूसरे से पूछा था, “क्या तुमने इंजन बंद किया है?” तो दूसरे पायलट ने जवाब दिया, “नहीं।”
पायलट ने पूछा – “तुमने फ्यूल क्यों काटा?”
पायलट ने दूसरे पायलट से ये भी सवाल किया, “तुमने फ्यूल (इंजन) क्यों काटा?” यह सवाल कॉकपिट की रिकॉर्डिंग में दर्ज है। जैसे ही विमान ने 180 नॉट्स की अधिकतम रफ्तार पकड़ी, उसी समय दोनों इंजनों के फ्यूल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ में चले गए। इसके तुरंत बाद, एक पायलट ने हैरान होकर पूछा, “तुमने फ्यूल क्यों काटा?” तो दूसरे पायलट ने कहा, “मैंने नहीं किया।” यह बातचीत 12 जून को दोपहर 1:38:42 बजे हुई, जब फ्लाइट AI171 लंदन गेटविक के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गई। यह संकेत है कि तकनीकी खराबी या मानवीय गलती का संदेह है।
दोनों पायलटों का था सालों का अनुभव
इस हादसे में उड़ान भरने वाले दोनों पायलटों का अनुभव काफ़ी अच्छा था। हादसे में मृतक कैप्टन सुमीत सभरवाल, जिनकी उम्र 56 साल है, के पास 15,600 घंटे का उड़ान अनुभव है, जिसमें से 8,500 घंटे बोइंग 787 चलाने के हैं। वहीं, फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर का अनुभव 3,400 घंटे का है। वह 2017 से एयर इंडिया में काम कर रहे हैं। हादसा उस दिन सुबह हुआ, जब विमान अहमदाबाद से उड़ान भरते ही बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर पर गिर गया। इस भयानक दुर्घटना में 260 लोग मारे गए, जिनमें 241 यात्री और क्रू थे, और 19 लोग जमीन पर थे। एकमात्र यात्री, रमेश विश्वास, ही जिंदा बचा।
इंजन-1 का फ्यूल स्विच फिर से किया गया था ‘RUN’
AAIB की रिपोर्ट में बताया गया है कि 13:38:42 बजे, जब विमान 190 मीटर की ऊंचाई पर था, उस समय पायलट ने आपातकालीन संदेश “मेडे कॉल” एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भेजा। इसके बाद कोई संपर्क नहीं हो पाया और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जांच में यह भी पता चला है कि दोनों इंजनों को दोबारा शुरू करने की कोशिश की गई थी। एक इंजन थोड़ी देर के लिए काम करने लगा था, पर दूसरे इंजन को फिर से चालू करना संभव नहीं हो पाया।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों इंजनों का व्यवहार असामान्य था। इंजन-1 का फ्यूल स्विच 13:38:52 बजे फिर से ‘RUN’ में किया गया। कुछ सेकंड बाद ही इंजन-2 का स्विच भी ‘RUN’ पर लाया गया। उस समय, इंजनों का तापमान और रफ्तार भी बढ़ने लगा, जिससे पता चलता है कि फिर से शुरू करने का प्रयास किया जा रहा था। लेकिन, इंजन-2 बार-बार फ्यूल देने के बाद भी ठीक से काम नहीं कर पाया। दोनों इंजनों का रोटर भी बहुत धीमा हो गया था।
फ्यूल स्विच का ‘CUTOFF’ कैसे हुआ?
हादसे के बाद, AAIB ने बताया कि दोनों इंजनों को मलबे से निकालकर सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, ताकि आगे की जांच की जा सके। जांच टीम ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि फ्यूल स्विच का ‘CUTOFF’ में जाना अचानक हुआ या किसी तकनीकी खराबी या मानवीय गलती का परिणाम था।
रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया है कि इस हादसे के पीछे पक्षी टकराने जैसी कोई बात नहीं है, और मौसम भी पूरी तरह साफ था। विमान के फ्लैप और लैंडिंग गियर सामान्य स्थिति में थे, और पायलट भी पूरी तरह स्वस्थ थे। विमान के ऊंचाई पर होने के दौरान, पायलट ने आपातकालीन संदेश भेजा था, लेकिन उसके बाद संपर्क टूट गया।
बोइंग कंपनी कर रही इंजन बंद होने की जाँच
बोइंग कंपनी ने कहा कि वह पीड़ितों के परिजनों के प्रति सहानुभूति प्रकट करती है। हालांकि, अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि फ्यूल स्विच क्यों ‘CUTOFF’ में गया। जांच में यह भी पता लगाया जा रहा है कि कहीं इसमें कोई तकनीकी खामी तो नहीं थी। FAA की 2018 की एक सलाह के अनुसार, बोइंग 787-8 के फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में कुछ संभावित खामियां हो सकती हैं, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
बता दें कि यह जांच अभी भी जारी है, और विशेषज्ञ इस बात की खोजबीन कर रहे हैं कि आखिर क्यों दोनों इंजन अचानक बंद हो गए। जांच टीम में कई विशेषज्ञ शामिल हैं, जिनमें पायलट, इंजीनियर, मनोवैज्ञानिक और मेडिकल विशेषज्ञ भी हैं। अभी यह तय नहीं हो पाया है कि यह खराबी तकनीकी थी या मानवीय गलती, लेकिन जांच का दायरा बढ़ता ही जा रहा है।
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