उन्होंने कहा कि पूरे मानव इतिहास में आकाश को अक्सर कौतूहल और रिसर्च के क्षेत्र के रूप में देखा गया है, जहां सपने उड़ान भरते हैं और सीमाएं नीले विस्तार में घुल जाती हैं. फिर भी इस शांति के नीचे एक क्षेत्र है, जो कॉम्पिटिशन से भरा है, जहां हर कोई खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश कर रहा है. इस कॉम्पिटिशन ने बहुत से देशों का भाग्य निर्धारित किया है और कई युद्धों के परिणाम को तय किया है.
इंडियन एयरफ़ोर्स के प्रमुख एयर चीफ मार्शल विआर चौधरी ने बुधवार 27 मार्च को कहा कि यदि राजनीतिक इच्छाशक्ति हो तो दुश्मन की सीमा में दाखिल होकर वायुसेना की ताकत दिखाई जा शक्ति है. बालाकोट जैसे ऑपरेशन में यह साबित भी हुआ है. वीआर चौधरी ने यह बात दिल्ली में एयरोस्पेस पावर इन फ्यूचर कॉनफ्लिक्ट्स विषय पर सेमिनार में कही. उन्होंने कहा कि रणनीतिक फायदे के लिए आज सभी देश स्पेस बेस्ड एसेट्स पर निर्भर करते हैं. अंतरिक्ष का सैन्यीकरण और शस्त्रीकरण आज की हकीकत बन गई है.
उन्होंने कहा कि पूरे मानव इतिहास में आकाश को अक्सर कौतूहल और रिसर्च के क्षेत्र के रूप में देखा गया है, जहां सपने उड़ान भरते हैं और सीमाएं नीले विस्तार में घुल जाती हैं. फिर भी इस शांति के नीचे एक क्षेत्र है, जो कॉम्पिटिशन से भरा है, जहां हर कोई खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश कर रहा है. इस कॉम्पिटिशन ने बहुत से देशों का भाग्य निर्धारित किया है और कई युद्धों के परिणाम को तय किया है.
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि इस समय जब हम आसमान के उन हिस्सों को नेविगेट कर रहे हैं, जहां इससे पहले हम नहीं गए हैं, तो हमारी वायुसेना की ताकत इसमें बड़ी भूमिका निभाएगी। वायुसेना राष्ट्रीय क्षमता के प्रतीक के तौर पर काम करेगी, जो शांति और सहयोग का टूल है. चौधरी ने कहा कि भविष्य के युद्ध काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक फोर्सेस का मिक्सचर होंगे। इन युद्धों में कई क्षेत्रों में एक साथ किए गए ऑपरेशंस शामिल होंगे। ये लड़ाइयां और ज्यादा घातक होंगी और जाहिर है, ये सब मीडिया की तेज नजर के सामने होगा।