AICC Meeting:महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा के विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों में उपचुनावों की तैयारियों के बीच, आज कांग्रेस की एक बैठक हुई। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई। वहीं खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला।
हाल में पूरे हुए लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस ने अब विधानसभा चुनावों की तैयारी शुरू कर दी है। महाराष्ट्र, झारखंड, हरियाणा के विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों में उपचुनावों की तैयारियों के बीच, आज कांग्रेस की एक बैठक हुई। इस दौरान तमाम मुद्दों पर बात हुई।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय में सभी महासचिवों, पीसीसी अध्यक्ष और पार्टी के राज्य प्रभारियों के साथ बैठक की। इस दौरान, लोकसभा के नेता राहुल गांधी भी मौजूद रहे।
गरीबों के साथ हुआ है विश्वासघात : खरगे
आपको बता दे कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बेरोजगारी, महंगाई और संविधान पर हमले को लेकर मंगलवार को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। उस पर देश के गरीबो एवं मध्य वर्ग के साथ विश्वासघात करने का आरोप लगाया। खरगे ने यह भी कहा कि कांग्रेस प्रमुख मुद्दों को लेकर अभियान शुरू करेगी और जनता के बीच जाएगी।
सेबी और अदाणी के बीच सांठगांठ
खरगे ने कहा, ‘सेबी और अदाणी के बीच सांठगांठ के चौंकाने वाले खुलासे की गहन जांच की जरूरत है। शेयर बाजार में छोटे निवेशकों का पैसा खतरे में नहीं डाला जा सकता। मोदी सरकार को तुरंत सेबी अध्यक्ष का इस्तीफा मांगना चाहिए और इस संबंध में जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) का गठन करना चाहिए।’
कांग्रेस प्रमुख ने भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधवी बुच के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों की पृष्ठभूमि में यह बात कही। कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि बेलगाम बेरोजगारी और अनियंत्रित मुद्रास्फीति तथा घरेलू बचत में कमी जैसे गंभीर मुद्दों पर पार्टी ने ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने दावा किया कि सरकार ने गरीबों और मध्यम वर्ग के साथ विश्वासघात किया है।
केंद्र सरकार मणिपुर मुद्दे पर गंभीर नहीं
बैठक से पहले मणिपुर कांग्रेस के अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र ने कहा, ‘मैं बैठक में मणिपुर मामले को उठाऊंगा क्योंकि राज्य में संकट जारी है। सरकार और केंद्र सरकार इस मुद्दे पर गंभीर नहीं है। कल हमारा विधानसभा सत्र समाप्त हुआ। विधानसभा में विपक्षी विधायकों द्वारा उठाए गए सवालों पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। हम मणिपुर के लिए सरकार से ठोस रोडमैप की मांग करते हैं।’