Ahoi Ashtami 2025 Vrat Niyam: भारतीय संस्कृति में मां शब्द केवल एक शब्द मात्र नहीं बल्कि यह सबसे बड़ी साधना है। मां का प्यार सतत आशीर्वाद बनाकर संतान की रक्षा करता है। और इसी क्रम में मातृत्व शक्ति को समर्पित एक महत्वपूर्ण पर्व मनाया जाता है जो है अहोई अष्टमी व्रत। यह व्रत कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। और वर्ष 2025 में यह व्रत 13 अक्टूबर 2025 सोमवार के दिन रखा जाएगा। हालांकि अष्टमी तिथि 14 अक्टूबर को भी है ऐसे में कुछ माताएं 14 अक्टूबर को भी यह व्रत कर सकती हैं।

बता दे अहोई माता को समर्पित यह व्रत माताएं अपने बच्चों के स्वास्थ्य और दीर्घायु की कामना से रखती है। अहोई माता के व्रत में पूजा शुभ मुहूर्त में की जाती है और वर्ष 2025 में शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर 2025 को शाम 5:53 से 7:08 का बताया जा रहा है। वही इस दिन तारों को देखकर व्रत खोला जाता है ऐसे में तारों को अर्घ्य देने का समय 6:17 बताया जा रहा है। इस दिन माताएं व्रत करती हैं और कुछ विशिष्ट नियमों का पालन करती है। और आज के इस लेख में हम आपको उन्हें नियमों के बारे में बताने वाले हैं।
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अहोई अष्टमी के व्रत में आहार संबंधित नियम
अहोई अष्टमी का व्रत माताएं सामान्यतः निर्जला उपवास के रूप में रखती है। अर्थात दिन भर कुछ भी खाना या पीना नहीं होता। परंतु स्वास्थ्य कारणों की वजह से यदि माताएं निर्जला नहीं रह सकती तो हल्का व्रत कर सकती है। मतलब कुछ नियमों का पालन कर आहारचर्यं पर ध्यान दिया जा सकता है। ऐसे में इस व्रत के दौरान माताएं हल्का दूध ले सकती है। यदि हल्का भोजन भी लेना चाहे तो दलिया या चावल की खिचड़ी खा सकती है। इस व्रत के दौरान माता सूखे मेवे का और फलों का सेवन भी कर सकती है। साथ ही आलू से बने खाद्य पदार्थ भी खा सकती हैं
अहोई अष्टमी के दिन क्या बिल्कुल भी ना खाएं
अहोई अष्टमी के दिन कुछ विशेष खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए जैसे कि तीखा और तेज मसाले वाला भोजन अंडा, मांस, मछली, हरी पत्तेदार सब्जियां या ऐसी सब्जियां जिनमें तड़का दिया गया हो। मिठाई, भारी भोजन, ठंडा पानी इसके अलावा अहोई अष्टमी के दिन माता को नुकीली चीजों का प्रयोग करना भी वर्जित होता है। इस दिन सुई, कैंची, चाकू इत्यादि का उपयोग नहीं करना चाहिए।
