Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से लंदन के गैटविक हवाई अड्डे के लिए उड़ान भरने वाले एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर AI171 के हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया था। इस हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों सहित कुल 260 लोगों की मौत हुई थी, जिसमें जमीन पर मौजूद 19 लोग भी शामिल थे।
अब, एक महीने बाद, एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की 15 पेज की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट ने सनसनीखेज खुलासा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, विमान के दोनों इंजनों का फ्यूल सप्लाई स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ पोजीशन में चला गया, जिसके कारण इंजन बंद हो गए और विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया (Air India Plane Crash Report).
जानबूझकर बंद किया गया फ्यूल सप्लाई
प्रमुख एविएशन विशेषज्ञ कैप्टन मोहन रंगनाथन ने इस हादसे को लेकर चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा कि फ्यूल कटऑफ स्विच को स्वचालित रूप से या बिजली की खराबी के कारण बंद नहीं किया जा सकता; यह केवल मैन्युअल रूप से ही संभव है। एनडीटीवी से बातचीत में रंगनाथन ने कहा, “यह पूरी तरह से जानबूझकर किया गया कार्य था।” उन्होंने मलेशिया एयरलाइंस फ्लाइट 370, जर्मनविंग्स, और मिस्रएयर फ्लाइट 990 जैसे पिछले मामलों का हवाला देते हुए संभावना जताई कि पायलट की मानसिक स्थिति या तनाव इस हादसे का कारण हो सकता है.
कॉकपिट में क्या हुआ?
रिपोर्ट के अनुसार, विमान के उड़ान भरने के महज तीन सेकंड बाद, यानी 1:38:42 बजे, दोनों इंजनों के फ्यूल कटऑफ स्विच ‘रन’ से ‘कटऑफ’ स्थिति में चले गए। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में एक पायलट को दूसरे से पूछते सुना गया, “तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?” जिसका जवाब था, “मैंने नहीं किया।” इस बातचीत से पायलटों के बीच भ्रम की स्थिति स्पष्ट होती है। इसके बाद, पायलटों ने इंजन को दोबारा शुरू करने की कोशिश की, लेकिन इंजन 2 शुरू नहीं हुआ, और विमान 32 सेकंड में बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर में जा गिरा (Cockpit Voice Recorder).
विशेषज्ञों में मतभेद, जांच पर सवाल
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने प्रारंभिक रिपोर्ट पर सवाल उठाए हैं। पूर्व भारतीय वायुसेना निदेशक संजीव कपूर ने कहा कि कोई भी प्रशिक्षित पायलट टेकऑफ के तुरंत बाद फ्यूल स्विच बंद करने जैसे जोखिम भरे कदम को अंजाम नहीं देगा। उन्होंने AAIB की रिपोर्ट को अपूर्ण बताते हुए कहा कि कॉकपिट में वास्तव में क्या हुआ, यह जानने के लिए पूर्ण कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर ट्रांसक्रिप्ट की जरूरत है। वहीं, बकिंघमशायर न्यू यूनिवर्सिटी के पूर्व पायलट मार्को चैन ने ‘चिप मालफंक्शन’ की संभावना जताई, लेकिन यह भी कहा कि स्विच के गलती से बंद होने की संभावना न के बराबर है.
सरकार और एयर इंडिया का रुख
नागरिक उड्डयन मंत्री किंजारपु राम मोहन नायडू ने कहा कि यह केवल प्रारंभिक रिपोर्ट है और अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। एयर इंडिया ने बयान जारी कर कहा कि वह अपने पायलट समुदाय के साथ प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा करेगी और जांच में पूरा सहयोग कर रही है। बोइंग ने भी कहा कि वह AAIB और एयर इंडिया के साथ मिलकर काम कर रहा है.
पायलटों पर आरोपों से नाराजगी
एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ALPA) ने प्रारंभिक रिपोर्ट में पायलटों पर गलती का ठीकरा फोड़ने की आलोचना की है। उनका कहना है कि जांच में पारदर्शिता की कमी है और पायलटों को दोषी ठहराने की जल्दबाजी दिखाई जा रही है। एसोसिएशन ने मांग की है कि उन्हें जांच प्रक्रिया में शामिल किया जाए.
हादसे का प्रभाव और जांच का भविष्य
यह हादसा भारत के उड्डयन इतिहास में सबसे घातक हादसों में से एक है। एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति, विशवास कुमार रमेश, की कहानी को चमत्कार माना जा रहा है। हादसे की जांच में अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) और यूके की एयर एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्रांच भी सहयोग कर रही हैं। पूर्व AAIB निदेशक ग्रुप कैप्टन औरोबिंदो हांडा ने कहा कि अंतिम रिपोर्ट में प्रारंभिक निष्कर्षों से अलग नतीजे सामने आ सकते हैं, क्योंकि विमान का 90% हिस्सा जल चुका है, जिससे जांच जटिल हो गई है
अहमदाबाद विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह वाकई पायलट की जानबूझकर की गई हरकत थी, या तकनीकी खराबी ने इस त्रासदी को जन्म दिया? अंतिम रिपोर्ट के लिए कम से कम 12 महीने का इंतजार करना होगा, लेकिन इस बीच यह हादसा उड्डयन सुरक्षा और पायलटों की मानसिक स्वास्थ्य जांच को लेकर गंभीर सवाल उठा रहा है।