गुजरात के अहमदाबाद में शुक्रवार को हुए एक विमान हादसे (Ahmedabad plane crash) को लेकर रक्षा मंत्रालय ने मीडिया में चल रही खबरों को महज अटकलें (Media speculations) करार दिया है। मंत्रालय ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एक सैन्य विमान (Military aircraft) के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबरों पर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। घटना शुक्रवार दोपहर की बताई जा रही है, जब एक तेज आवाज के साथ धुआं उठता देखा गया।
स्थानीय लोगों ने दावा किया कि यह एक सैन्य प्रशिक्षण विमान (Training aircraft crash) था, जो हवाई अड्डे के पास एक खुले मैदान में गिरा। शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया कि विमान में दो पायलट (Two pilots) सवार थे, जिनकी स्थिति के बारे में अभी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “मीडिया में चल रही खबरें अटकलबाजी पर आधारित हैं।
हादसे की सटीक वजह और नुकसान का आकलन करने के लिए जांच शुरू कर दी गई है।” (Crash investigation) मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि हादसे में किसी नागरिक हताहत (Civilian casualties) की कोई खबर नहीं है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे के बाद इलाके में भारी धुआं और आग की लपटें देखी गईं। स्थानीय पुलिस और दमकल विभाग (Fire services) ने तुरंत राहत कार्य शुरू किए।
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि यह विमान भारतीय वायुसेना का मिग-21 (MiG-21 crash) हो सकता है, जो प्रशिक्षण के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुआ। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इसकी पुष्टि नहीं की है। यह हादसा ऐसे समय हुआ है, जब हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव (India-Pakistan tensions) के बीच सैन्य गतिविधियों पर वैश्विक नजरें टिकी हैं। कुछ विश्लेषकों ने हादसे को तकनीकी खराबी (Technical failure) से जोड़ा, जबकि अन्य ने प्रशिक्षण मिशन (Military training mission) के दौरान मानवीय भूल की आशंका जताई।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि मिग-21 जैसे पुराने विमानों का इस्तेमाल अब कम किया जाना चाहिए। पिछले एक दशक में मिग-21 विमानों के कई हादसे (MiG-21 accidents) सामने आए हैं, जिसके बाद वायुसेना ने आधुनिकीकरण (Air Force modernization) पर जोर देना शुरू किया है। फिलहाल, जांच दल ने हादसे की जगह को सील कर दिया है और ब्लैक बॉक्स (Black box recovery) की तलाश शुरू कर दी गई है। रक्षा मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और आधिकारिक बयान का इंतजार करें।