भोपाल। एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री एवं केन्द्र सरकार में कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मनरेगा पर बयान देते हुए पंजाब सरकार पर हमला बोला है। शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा धीरे-धीरे भ्रष्टाचार का पर्याय बन गई थी। मजदूरों के बजाय मशीनों से काम कराया जाने लगा और भारी-भरकम राशि खर्च होने के बावजूद गांवों का सुनियोजित विकास नहीं हो पाया। उन्होंने बताया कि इस विषय पर पिछले एक साल से गहन विचार-विमर्श चल रहा था, जिसके बाद विकसित भारत के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए ‘जी राम जी योजना’ लाई गई है। वे कहते हैं कि यह मनरेगा का उन्नत रूप है, जिसमें रोजगार की गारंटी 100 से बढ़ाकर 125 दिनों तक की गई है और ग्राम पंचायतों को योजनाओं का अधिक अधिकार दिया गया है। शिवराज सिंह चौहान विरोधियों पर भी हमला बोलते हुए कहते रहे हैं कि उनका आरोप ‘‘राजनीतिक” दिशा से प्रेरित है, जबकि नया कानून ग्रामीण विकास को मजबूत करेगा।
मनरेगा पर गहरा रहा विवाद
ज्ञात हो कि केन्द्र की बीजेपी सरकार मनरेगा यानि की महात्मा गांधी रोजगार गांरटी योजना को बदलने के लिए प्रस्ताव ला रही है। यह योजना अब जी राम जी योजना’ के नाम से नए स्वरूप में लांच होगी। जिस पर विवाद गहरता जा रहा है। कांग्रेस सरकार मनरेगा नाम बदलने पर काफी नाराज है और आंदोलन की बात कह रही है, तो वही पंजाब सरकार इस योजना को लेकर एक दिन का विधानसभा सत्र बुला रही है। जिस पर अब शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रतिक्रिया दिए है।
विकसित गांव की सोच
शिवराज सिह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना विकसित भारत के साथ-साथ विकसित गांव का है। इसी सोच के तहत अब गांवों के विकास का प्लान ग्राम पंचायत स्वयं तैयार करेगी, ताकि योजनाएं जमीन पर असरदार तरीके से लागू हो सकें। शिवराज सिंह चौहान ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार और उसके सहयोगी दल अंध विरोध की राजनीति कर रहे हैं, जबकि खुद पंजाब सरकार पर भ्रष्टाचार के कई मामले हैं।
