Agara Jama Masjid Janwar Ka Kata Sir: आगरा की शाही जामा मस्जिद (Agara Shahi Jama Masjid) में शुक्रवार सुबह फजर की नमाज से पहले एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जब मस्जिद के पानी की हौज के पास एक बैग में प्रतिबंधित जानवर का कटा हुआ सिर मिला। इस घटना ने स्थानीय मुस्लिम समुदाय में रोष पैदा कर दिया और माहौल तनावपूर्ण हो गया। शुरुआत में इसे सांप्रदायिक साजिश का हिस्सा मानकर कुछ लोग हिंदुओं के खिलाफ भड़काने की कोशिश में जुट गए, लेकिन पुलिस जांच ने चौंकाने वाला खुलासा किया। इस कृत्य का आरोपी कोई और नहीं, बल्कि एक मुस्लिम शख्स ही निकला, जिसने कथित तौर पर अपने ही समुदाय को हिंदुओं के खिलाफ उकसाने की कोशिश की।
आगरा जामा मस्जिद में सूअर का कटा सिर किसने रखा
शुक्रवार सुबह जब नमाजी मस्जिद में फजर की नमाज के लिए पहुंचे, तो उन्होंने पानी की हौज के पास एक बदबूदार बैग देखा। बैग खोलने पर उसमें सूअर का कटा हुआ सिर मिला, जिसे मुस्लिम समुदाय में अशुभ माना जाता है। इस खबर ने आग की तरह फैलते हुए सैकड़ों लोगों को मस्जिद के बाहर जमा कर दिया। मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इसे शांति भंग करने की साजिश करार देते हुए तुरंत पुलिस को सूचना दी। कुछ लोग इस घटना को हिंदू समुदाय से जोड़कर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने लगे। सोशल मीडिया पर भी कई पोस्ट्स वायरल होने लगीं, जिनमें हिंदुओं को निशाना बनाया गया।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और सच्चाई का खुलासा
पुलिस ने तुरंत एक्शन लेते हुए मस्जिद के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला और आसपास के इलाकों में जांच शुरू की। डीसीपी सिटी सोनम कुमार की अगुवाई में चार विशेष टीमें बनाई गईं। महज पांच घंटे की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने आरोपी की पहचान कर उसे हिरासत में ले लिया। हैरानी की बात यह थी कि आरोपी, जिसका नाम नजरुद्दीन बताया जा रहा है, खुद मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखता है। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि नजरुद्दीन ने जानबूझकर यह कृत्य किया ताकि मुस्लिम समुदाय को भड़काकर हिंदुओं के खिलाफ नफरत फैलाई जा सके।
साजिश का मकसद: सांप्रदायिक तनाव को हवा देना
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नजरुद्दीन का मकसद जुमे की नमाज से पहले माहौल को गर्म करना था। वह चाहता था कि इस घटना को हिंदुओं की साजिश के तौर पर पेश किया जाए, जिससे दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़े। इस कृत्य के पीछे उसकी व्यक्तिगत रंजिश या किसी बड़े समूह की शह का होना भी जांच का विषय है। पुलिस ने नजरुद्दीन के खिलाफ IPC की धारा 295A (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने) और 153A (सामुदायिक वैमनस्य फैलाने) के तहत मामला दर्ज किया है।
हिंदू संगठनों का बयान
घटना के बाद कुछ हिंदू संगठनों ने भी बयान जारी कर कहा कि यह साजिश आगरा जैसे शहर में, जो मोहब्बत और एकता का प्रतीक है, शांति को भंग करने की कोशिश थी। उन्होंने पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे तत्वों को बख्शा नहीं जाना चाहिए, चाहे वे किसी भी समुदाय से हों।